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Mafia Atiq Ahmed: अतीक अहमद के करीबी बिल्डरों के यहां ईडी की छापामारी के बाद अब जांच टीम बदल दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय प्रयागराज से विवेचना लखनऊ ट्रांसफर कर दी गई है। इस केस की जांच अब लखनऊ की टीम कर रही है। इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच लखनऊ क्यों ट्रांसफर की गई यह पता नहीं चला है। इस विवेचना ट्रांसफर के बाद से माफिया के करीबियों के पास हुई बरामदगी और अन्य मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसको लेकर अब तरह-तरह की चर्चाएं हैं। ईडी ने अतीक अहमद एंड कंपनी के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। इसी केस में यह कार्रवाई हुई थी।

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अतीक अहमद और अशरफ की हत्या से तीन दिन पहले मनी लांड्रिंग की जांच में ईडी ने बिल्डर संजीव अग्रवाल, अमितदीप मोटर्स के मालिक दीपक भार्गव, पूर्व विधायक आसिफ जाफरी, सीए सबीह अहमद, उमेश पाल अपहरण कांड में सजायाफ्ता अधिवक्ता खान सौलत हनीफ, अतीक के खजांची सीताराम शुक्ला, फाइनेंसर खालिद जफर, बिल्डर काली, उसका भाई मोहसिन और वदूद अहमद के घर व ठिकानों पर छापामारी की थी। इस दौरान इनके पास से 84.64 लाख रुपये नकद, 60 लाख के सोने के गहने, 2.85 करोड़ के हीरे के जेवरात, 30 लैपटॉप, पेन ड्राइव और अन्य उपकरण बरामद हुए थे।

ईडी के सूत्रों के मुताबिक, तलाशी के दौरान अधिवक्ता खान सौलत हनीफ के घर से अतीक अहमद के नाम की आवासीय और कृषि संपत्ति के पेपर मिले हैं। इसका सर्किल रेट पर सरकारी मूल्य 47 लाख था, जबकि अतीक ने अपनी दबंगई से केवल 20 लाख में खरीदी थी। हैरानी की बात यह है कि इस संपत्ति के दस्तावेजों में विक्रेता को भुगतान का ब्योरा तक नहीं दिया है। वहीं अतीक के रिश्तेदार खालिद जफर के घर से 42 वर्ग मीटर, 54.22 वर्ग मीटर, 87 वर्ग मीटर की प्रॉपर्टी के कागजात मिले हैं जिन्हें अतीक ने सर्किल रेट से भी कम पर पर खरीदा है।

ईडी ने दावा किया था कि इन आरोपियों के घर से अतीक अहमद के नाम से 100 करोड़ से अधिक की बेनामी प्रॉपर्टी के कागजात मिले हैं। ईडी की इस कार्रवाई से प्रयागराज में खलबली मची रही। इसके बाद अन्य बिल्डर के यहां भी छापामारी हुई थी। अब आरोपियों के खिलाफ जांच कर रही लखनऊ की ईडी टीम कार्रवाई करेगी। अतीक से बिल्डरों के रिश्ते खंगाले जा रहे हैं।

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