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संजय यादव/बाराबंकी. बाराबंकी जिले के किसान अपनी आय दोगुना करने के लिए परंपरागत खेती से हटकर प्रकृतिक रूप से एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम) तकनीक से सब्जियों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे है. जिले कई किसानों ने शुरू भी कर दिया हैं, जिससे उनकी आमदनी में लगातार इजाफा भी हो रहा है. बाराबंकी जिले के सफ़दरगंज के आनंद मौर्या ने एआईपीएम विधि से सब्जियों की खेती के माध्यम से अपने परिवार का भविष्य संभाल रहे है.

आनंद मौर्या ने आईपीएम तकनीक के प्रयोग से फसलों को नष्ट करने वाले कीटों को नियंत्रण करने के लिए पिले, काले, नीले, लाल और सफ़ेद स्टिकी ट्रैप, लाइट ट्रैप व स्पाइन बुश नियंत्रण अपने खेतों में लगाकर हानिकारक रासायनिक उर्वरक मुक्त खेती कर शुद्ध सब्जिया ऊगा रहे हैं. इसके आलावा जैविक खाद का प्रयोग कर जिले में स्वादिष्ट एवं पौष्टिक सब्जियों की खेती कर जिले के किसानों के लिए प्रेरणाश्रोत बन गए हैं. सब्जियों की खेती से आनंदकी सफलता देख लगभग पूरा गाँव सब्जियों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

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किसान रसायन मुक्त खेती कर रहे
आनंद मौर्या ने बताया पहले हम धान गेहूं की खेती करते थे पर उसमें कोई खास मुनाफा नही हो पाता था फिर हमने आधुनिक खेती की तरफ रुख किया जिसमें लौकी, कद्दू, करेला, तरोई, टमाटर, आदि सब्जियों की खेती एक एकड़ से शुरुआत की इसमें हमें अच्छा मुनाफा देख कर आज हम तीन एकड़ में सब्जियों की खेती कर रहे हैंऔर हम इन सब्जियों में जैविक खाद का उपयोग करते हैं.

हो रहा अच्छा मुनाफा
किसान ने बताया कि इस खेती में लागत कम मुनाफा अच्छा है. 1 एकड़ में12 से 15 हजार रुपये लागत आती है और मुनाफा एक एकड़ में एक लाख बीस हजार रुपए तक हो जाता है और मैं अपने किसान भाइयों से कहना चाहता हूं सब्जियों की खेती जरूर करें कम लागत में अच्छा मुनाफा है.

Tags: Barabanki News, Local18, Uttarpradesh news

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