ओबीसी आरक्षण पर सवाल उठा रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ केवल एक प्रश्न का उत्तर दे दे कि जब हम ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव करा रहे थे तो वह जनता की अदालत की जगह कोर्ट क्यों गए। उनके इस कृत्य ने जब ओबीसी वर्ग को आरक्षण से ही वंचित कर दिया तो फिर वह आरक्षण बहाली को लेकर हमारे साथ अदालत क्यों नही गए।
भोपाल। ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का दूसरा फैसला आने के बाद मध्यप्रदेश का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। कांग्रेस के आरोपों पर राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि अदालत जाकर ओबीसी वर्ग को आरक्षण से वंचित करने का पाप करने वाली कांग्रेस अब किस मुंह से ओबीसी हितो की बात कर रही है। कांग्रेस को सच मे ओबीसी हितों की चिंता होती तो वह हमारे साथ पुनर्विचार याचिका के समय अदालत जाती , मुंह चुराकर भागती नहीं।
गृह मंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर सवाल उठा रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ केवल एक प्रश्न का उत्तर दे दे कि जब हम ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव करा रहे थे तो वह जनता की अदालत की जगह कोर्ट क्यों गए। उनके इस कृत्य ने जब ओबीसी वर्ग को आरक्षण से ही वंचित कर दिया तो फिर वह आरक्षण बहाली को लेकर हमारे साथ अदालत क्यों नही गए। यदि कांग्रेस को हमारे साथ नही जाना था तो अलग से कोर्ट में अपील कर देते। लेकिन कांग्रेस ने ऐसा कुछ नही किया। आज जब फिर ओबीसी को आरक्षण मिल गया है तो वह भी आप को नही पच रहा है, उस पर भी सवाल उठा कर फिर आप अदालत में जाने की बात कर विश्वासघात कर रहे है।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को शून्य कराने का पाप करने वाली कांग्रेस अब आरक्षण के साथ हो रहे चुनाव पर हंगामा मचा कर जनता को भ्रमित कर रही है। कांग्रेस को तो ओबीसी आरक्षण पर बोलने का हक है ही नही क्योंकि उसने तो आरक्षण को जीरो करा दिया था। कांग्रेस जिसने चुनाव में ओबीसी आरक्षण ही खत्म कर दिया था , वह अब आरक्षण के कम और ज्यादा पर हंगामा कर रही है, इससे ज्यादा हास्यास्पद बात क्या होगी।
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस अब ओबीसी आरक्षण को लेकर कितना भी भ्रम फैला ले ओबीसी वर्ग कांग्रेस का असली चेहरा देख चुकी है। उसे मालूम है कि कांग्रेस ही वह पार्टी है जिसने उसके पीठ पर छुरा घोंपा था। ओबीसी वर्ग चुनाव में कांग्रेस को इसका सही जवाब देगा।
अखिलेश यादव पर निशाना
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने अखिलेश यादव के बचकाना बयान पर उन्हें नसीहत देते हुए कहा है कि उनके घर वाले उन्हें इसीलिए तो “टीपू” कहते हैं। जब आपको सपने में भगवान कृष्ण दर्शन देते हैं तो आप मंदिर बनाने की बात कहते हुए टीका लगाते हैं और जब चुनाव आ जाता है तो आप टोपी लगा लेते हैं। गजब का कंबीनेशन है टीपू का टोपी और टीके से।