शेखर सहनी ने फिलहाल किसी भी अन्य पार्टी में जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे आगामी दिनों में अपने अगले राजनीतिक कदम के बारे में घोषणा करेंगे। मीडियाकर्मियों से शेखर सहनी ने कहा कि पिछली बार कुढ़नी से आरजेडी का विधायक बना था। उपचुनाव में उनकी प्रबल दावेदारी थी। आरजेडी ने यह सीट जेडीयू को देकर निषाद समाज को धोखा दिया है। ऐसी स्थिति में पार्टी में रहने का कोई औचित्य नहीं है।
शेखर सहनी ने कहा कि उन्होंने साल 1993 में आरजेडी की सदस्यता ली थी। पहले युवा जनता दल फिर युवा आरजेडी के कुढ़नी के प्रखंड अध्यक्ष की जिम्मेवारी संभालने से लेकर जिलाध्यक्ष तक के रूप में पार्टी को मजबूत करते रहे। वर्ष 2019 में राजद के प्रदेश सचिव की जिम्मेवारी देने के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट देने का आश्वासन दिया था। हालांकि अति पिछड़ा होने के कारण राजद ने विश्वासघात किया है। जहां मान-सम्मान नहीं है, वहां रहने को कोई मतलब नहीं है।
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बता दें कि कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोटिंग होनी है। इसके नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है। महागठबंधन की ओर से जेडीयू ने पूर्व मंत्री मनोज कुशवाहा को टिकट दिया है। पहले यह सीट आरजेडी के खाते में रहने की बात कही जा रही थी।