टेलीकॉम फर्म Comviva के चीफ ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर, Srinivas Nidugondi ने Gadgets 360 को बताया, “मौजूदा वर्ष की दूसरी तिमाही पहली तिमाही की तुलना में UPI ट्रांजैक्शंस में वॉल्यूम के लिहाज से लगभग 118 प्रतिशत और वैल्यू में 98 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक बड़ा बदलाव लाने वाला इनोवेशन है और भारत अपनी इकोनॉमी को डिजिटाइज करने में डिजिटल रुपये के लिए इसका इस्तेमाल कर रहा है।” डिजिटल रुपये का होलसेल सेगमेंट के लिए ट्रायल पिछले महीने शुरू किया गया था।
रिटेल सेगमेंट में ट्रायल के लिए CBDC को एक डिजिटल वॉलेट में दिया जाएगा। यह वॉलेट स्मार्टफोन और PC के साथ कम्पैटिबल होगा। इस बारे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक स्टेटमेंट में बताया है, “ट्रांजैक्शंस व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति से मर्चेंट (P2M) दोनों हो सकती हैं। मर्चेंट्स को पेमेंट्स मर्चेंट लोकेशंस पर मौजूद QR कोड के इस्तेमाल से की जा सकेंगी। कैश की तरह डिजिटल रुपये पर कोई इंटरेस्ट नहीं मिलेगा और न ही इसे बैंकों के पास फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे जरियों में कन्वर्ट किया जा सकेगा।” इससे ट्रांजैक्शंस की कॉस्ट में कमी होने की संभावना है। दुनिया के उन चुनिंदा सेंट्रल बैंकों में RBI शामिल है जिन्होंने CBDC प्रोजेक्ट शुरू किया है।
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