पावर ग्रिड पर अप्रैल में चीन के हैकर्स ने अटैक कर लद्दाख के निकट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर को निशाना बनाने की कोशिश की थी। हालांकि, उस सायबरअटैक को ब्लॉक कर दिया गया था। इससे पहले भी लद्दाख में इलेक्ट्रिसिटी नेटवर्क हैकर्स के निशाने पर रहा था। सायबर अपराधी कई बार सरकारी वेबसाइट्स को भी निशाना बना चुके हैं।
रूस ने यूक्रेन पर हमला करने से पहले एक बड़ा सायबरअटैक किया था। इसमें यूक्रेन सरकार की कई वेबसाइट्स को हैक किया गया था। इस बारे में सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने जानकारी दी थी। माइक्रोसॉफ्ट ने इस साइबर हमले की जानकारी देते हुए बताया था कि यूक्रेन की सरकारी एजेंसियों के कई कंप्यूटर्स में मैलवेयर पहुंचाया गया था। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा था कि उसकी जांच टीमों ने कई सिस्टम्स पर मैलवेयर को खोजा है। ये सिस्टम यूक्रेन के कई सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों में थे।।इससे पहले 2017 में भी रूस ने यूक्रेन पर इसी तरह का अटैक किया था। इसमें नोटपेट्या वायरस के साथ यूक्रेन को निशाना बनाया गया था। उत्तर कोरिया के हैकर्स भी इस तरह के अटैक और स्कैम में शामिल रहे हैं।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।