अप्रैल से मरने वालों की संख्या में छह गुना वृद्धि
विभाग द्वारा जारी आंकड़े में हालांकि यह निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि ये अतिरिक्त मौतें कब हुईं, लेकिन प्रदेश के सभी 38 जिलों का एक ब्रेकअप उल्लेखित किया गया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 8,000 के करीब है और अप्रैल से मरने वालों की संख्या में लगभग छह गुना वृद्धि हुई है।
बिहार में कोरोना से प्रदेश की राजधानी पटना में कुल 2,303 मौतें हुईं हैं जबकि मुजफ्फरपुर जिला 609 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है। सत्यापन के बाद पटना में सबसे अधिक 1,070 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं। इसके बाद बेगूसराय में 316, मुजफ्फरपुर में 314 और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक जिला नालंदा में 222 अतिरिक्त मौतें जोड़ी गई हैं।
पिछले साल कोरोना महामारी की शुरुआत होने से लेकर राज्य में इस रोग से अब तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढकर 7,15,179 हो गई जिनमें से पांच लाख से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में पिछले कुछ महीनों में आए हैं। दिलचस्प बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक होने वालों की संख्या मंगलवार को 7,01,234 बतायी थी जिसे बुधवार को संशोधित करके 6,98,397 कर दिया गया है।
बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत मंगलवार को जहां 98.70 प्रतिशत बताया गया था उसे बुधवार को संशोधित करके 97.65 प्रतिशत कर दिया गया है।स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंकडों में संशोधन किए जाने के बाद विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने को एक नया अवसर मिल जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बिहार में एक महीने से अधिक समय तक लॉकडाउन के बाद कोरोना संक्रमण के मामलों के कमी आयी है और बुधवार को केवल 20 मौतें और 589 नए मामले सामने आए हैं।
बिहार में बुधवार को 18 से 44 वर्ष और 45 वर्ष से ऊपर सहित 1,21,780 लोगों ने कोविड-19 रोधी टीका लिया और प्रदेश में अब तक 1,14,72,029 लोग टीका ले चुके हैं ।