बीते गुरुवार की भोर से ही अचानक लापता हुआ मधुबन बाजार का एक व्यवसाई शनिवार को बनारस में घाट किनारे बदहावस अवस्था में घूमता पाया गया। व्यापारी के एक परिचित ने मोबाइल पर इसकी सूचना परिजनों को दी। जिसके बाद परिजन उसे लेने बनारस के लिए रवाना हो गए हैं।
आपको बता दें कि घर से टहलने निकले मधुबन बाजार के एक व्यवसाई के अचानक लापता हो जाने से बीते 3 दिनों से क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म था। परिजन अपहरण की आशंका जता रहे थे। शुक्रवार को लापता युवक के पिता ने स्थानीय थाने में अपने बेटे के घर से गायब होने की तहरीर भी दी थी और अपहरण की आशंका जताई थी। हालांकि स्थानीय पुलिस द्वारा इस मामले में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर युवक की तलाश की जा रही थी। वहीं दूसरी तरफ इस घटना से बाजार के व्यवपारियों में भी डर का माहौल बना हुआ था।



व्यवसायी राकेश गुप्त को बनारस से ले कर आते परिजन
घर पर ही था व्यवसाई का मोबाइल
प्राप्त जानकारी के अनुसार मधुबन बाजार निवासी राकेश गुप्त (30) पुत्र राधेश्याम गुप्त की गुप्ता गली में पत्तल-गिलास की होलसेल दुकान है। गुरुवार की सुबह करीब 4 बजे वह सो कर उठा और टहलने के लिए घर से बाहर बाजार में आया। जब कई घंटों बाद भी वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसके मोबाइल पर कॉल किया मगर मोबाइल घर में ही था। गुरुवार को दिनभर परिजन लापता युवक को तलाश करते रहे। लापता युवक के दोस्त-रिश्तेदारों के यहां संपर्क कर तलाश की कोशिश जारी रही मगर कोई सुराग नहीं मिल पाया। ऐसे में परिजनों को किसी अनहोनी की आशंका सता रही थी।
पैसे के लेनदेन का विवाद बना चर्चा का विषय
व्यवसायी के अचानक घर से लापता हो जाने के बाद स्थानीय बाजार में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर जारी था। कुछ लोग इसे सामान्य गुमशुदगी के रूप में देख रहे थे तो वहीं कई लोग इस घटना को कुछ माह पूर्व पैसे के लेनदेन को लेकर मधुबन बाजार के एक बड़े व्यवपारी संग हुए विवाद को जोड़ कर अपहरण की आशंका जता रहे थे। व्यवसाई बनारस कैसे पहुंचा। क्या वह वहां खुद गया या कुछ लोग उसका अपहरण कर उसे वहां ले गये जैसे कई सवाल के जवाब अभी मिलने बाकी हैं चूंकि इस मामले में स्थानीय थाना में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है, इस लिये पुलिस भी अपने तौर पर पूछताछ करेगी। परिजनों के अनुसार, व्यवसाई अभी बदहवास है और कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। बहरहाल लापता व्यवसाई के सुरक्षित मिलने से परिजनों में खुशी का माहौल है। पिछले तीन दिनों से घर में छाया मातम अब ख़ुशी में बदल गया है।