कभी कोशल राज्य का अंग रहे चुके इस क्षेत्र में नवाबों के दौर के पहले राजपूत राजाओं का शासन था। इस धरती का इतिहास भगवान बुद्ध के ननिहाल से भी जुड़ा है। ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ बगावत में जहां इस इलाके के लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सेदारी की वहीं आजादी के बाद प्रोफेसर से नेता बने स्वतन्त्रता सेनानी सिब्बन लाल सक्सेना की अगुवाई में महराजगंज की धरती ने संघर्ष का फलसफा ठीक से सीखा। आजीवन अविवाहित रहे सिब्बनलाल सक्सेना जीवन भर दलितों, शोषितों के उत्थान के लिए संघर्ष करते रहे। उन्होंने इस सीट से चार बार जीत हासिल कर एक रिकॉर्ड बनाया था जिसे मौजूदा सांसद पंकज चौधरी ने छह बार जीतकर तोड़ दिया। सिब्बन लाल सक्सेना को आज भी महराजगंज की धरती एक मसीहा के तौर पर याद करती है। आजादी के बाद वर्ष 1952 में हुए पहले आम सभा चुनाव में वह पहली बार निर्दल प्रत्याशी के रूप में सांसद निर्वाचित हुए थे। दूसरे चुनाव में भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरे और जीत हासिल की। 1971 में भी निर्दल और अंतिम बार 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर रघुबर प्रसाद को हराकर सांसद बने। उनका निधन 20 अगस्त 1984 को हुआ।
नब्बे के दशक में भाजपा ने बनाई पैठ
1990 के बाद यहां की राजनीति में भाजपा ने पैठ बना ली। तबसे अब तक यहां हुए आठ लोकसभा चुनाव में भाजपा को छह बार जीत मिली। इस बीच एक बार कद्दावर नेता स्व. हर्षबर्धन ने कांग्रेस के टिकट पर तो एक बार कुंवर अखिलेश सिंह ने सपा के टिकट पर जीत हासिल कर भाजपा के विजय रथ को रोका। अब केन्द्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार है और महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री हैं।
विधानसभा सीटों का गणित
महराजगंज लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले पांच विधानसभा क्षेत्रों में से तीन पर भाजपा, एक पर उसकी सहयोगी निषाद पार्टी और एक पर कांग्रेस का कब्जा है। महराजगंज सदर से भाजपा के जयमंगल कन्नौजिया, फरेन्दा से कांग्रेस के वीरेन्द्र चौधरी, नौतनवां भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के ऋषि त्रिपाठी, सिसवा से भाजपा के प्रेमसागर पटेल और पनियरा से भाजपा के ज्ञानेंद्र सिंह ने 2022 के चुनाव में जीत हासिल की।
सीट के जातीय समीकरण
महराजगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी 56 प्रतिशत से अधिक है। यहां के ओबीसी समुदायों में कुर्मी-पटेल, चौरसिया, निषाद, यादव, मौर्य, चौहान, सोनार, नई और लोहार शामिल हैं। जबकि उच्च जाति समुदायों में ब्राह्मण कुल मतदाताओं का 12 प्रतिशत हैं। क्षत्रिय और कायस्थ समुदाय का एक छोटा प्रतिशत भी यहां रहता है। दलित आबादी में बहुसंख्यक जाटव हैं। दलितों में जाटवों के अलावा धोबी और पासी भी शामिल हैं। मुस्लिम मतदाता भी यहां संख्यात्मक रूप से महत्वपूर्ण हैं। यहां अनुसूचित जनजाति की दो जातियां भी निवास करती हैं। महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से हैं। पिछड़ी जाति के बड़े नेताओं में उनकी गिनती है। सियासी रणनीति में माहिर पंकज चौधरी बंगाल के प्रभारी भी हैं।
2014 और 2019 के चुनाव परिणाम
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के पंकज चौधरी को 4,71,542 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर बसपा के काशीनाथ शुक्ला थे। उन्हें कुल 2,31084 वोट मिले थे। सपा के कुंवर अखिलेश सिंह 2,13 974 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस के हर्षवर्धन 57,193 वोट पाकर चौथे स्थान पर थे। पंकज चौधरी ने वह चुनाव 2,40,458 मतों से जीते थे।
साल-2019 में पंकज चौधरी को 7,26,349 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर सपा प्रत्याशी कुंवर अखिलेश सिंह को 3,85,925 वोट मिले थे। 72,516 वोटों के साथ कांग्रेस प्रत्याशी सुप्रिया श्रीनेत तीसरे स्थान पर रहीं। कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। चौथे नंबर के प्रत्याशी को छोड़ दें तो अन्य सभी को दस हजार से कम वोट मिले थे।
महराजगंज लोकसभा सीट से जानें कौन कब-कब रहा सांसद
सिब्बन लाल सक्सेना 1952 निर्दल
सिब्बन लाल सक्सेना 1957 निर्दल
महादेव प्रसाद 1962 कांग्रेस
महादेव प्रसाद 1967 कांग्रेस
सिब्बन लाल सक्सेना 1971 निर्दल
सिब्बन लाल सक्सेना 1977 जनता पार्टी
अश्फाक हुसैन अंसारी 1980 कांग्रेस
जितेन्द्र सिंह 1984 कांग्रेस
हर्षवर्धन 1989 जनता दल
पंकज चौधरी 1991 भाजपा
पंकज चौधरी 1996 भाजपा
पंकज चौधरी 1998 भाजपा
कुंवर अखिलेश सिंह 1999 सपा
पंकज चौधरी 2004 भाजपा
हर्षवर्धन 2009 कांग्रेस
पंकज चौधरी 2014 भाजपा
पंकज चौधरी 2019 भाजपा