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स्कंद पुराण के केदार खंड में बैरासकुंड का दसमोलीश्वर के नाम से उल्लेख किया गया है। बैरासकुंड में जिस स्थान पर रावण ने शिव की तपस्या की वह कुंड, यज्ञशाला और शिव मंदिर आज भी यहां विद्यमान है।

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