हाईकोर्ट ने हमदर्द के पक्ष में फैसला सुनाया है, जिसने 1907 में ‘रूह अफज़ा’ ट्रेडमार्क को जारी किया था। कंपनी इस ब्रांड नेम के तहत सालाना 200 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोडक्ट बेचती है।
रिपोर्ट बताती है कि न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने यह भी कहा कि यदि वादी (हमदर्द) के ‘रूह अफजा’ ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाला कोई अन्य मामला पाया जाता है, तो इसे अमेजन इंडिया के संज्ञान में लाया जाएगा और इसे सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) कानून के अनुसार हटा दिया जाएगा।
हमदर्द नेशनल फाउंडेशन (इंडिया) और हमदर्द दवाखाना ने दावा किया था कि गोल्डन लीफ नाम की एक कंपनी अमेजन इंडिया पर ‘रूह अफज़ा’ ट्रेडमार्क के तहत अपने प्रोडक्ट बेच रही थी। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि उनके द्वारा तीन रिटेलर्स से अमेजन प्लेटफॉर्म के जरिए तीन खरीदारी की गई और सभी प्रोडक्ट का निर्माण हमदर्द लैबोरेटरीज (वक्फ) पाकिस्तान द्वारा किया गया था।
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