दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग के मामलों की सुनवाई चल रही थी । सीएम के पास एक फरियादी स्कूलों में पढ़ाई नहीं कराने और समय से पहले बच्चों की छुट्टी कर देने की शिकायत लेकर पहुंचा। फरियादी से मिली शिकायत पर नीतीश कुमार गंभीर हो गए। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को फोन लगा लगाने का निर्देश दिया। चीफ सेक्रेटरी को आवश्यक निर्देश देने के बाद सीएम ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी फोन लगाया। सख्त लहजे में सीएम नीतीश ने कहा कि बार-बार कहने के बावजूद स्कूलों में बच्चों को नहीं पढ़ाने की शिकायतें अभी भी आ रही हैं। इसका मतलब है कि सुधार नहीं हो रहा है। आप इस मामले में त्वरित कार्यवाही करें।
नीतीश कुमार पहले भी लापरवाह शिक्षकों को चेतावनी दे चुके है। बीते शुक्रवार को सीएम नीतीश ने काम में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ ऐक्शन लेने के निर्देश दिए थे। उन्होंने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से स्कूलों की जांच कराने का निर्देश दिया थ। नीतीश कुमार ने साफ कहा था कि जो टीचर बच्चों को नहीं पढ़ाते हैं, उनकी नौकरी जाएगी। वहीं, जो शिक्षक बच्चों को ठीक ढंग से पढ़ाते हैं, उनकी तनख्वाह बढ़ाई जाएगी। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में देश के प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत बैंकों से लोन लेने वाले विद्यार्थियों से ब्याज अधिक वसूले जाने के मामले में आवश्यक पहल करने का निर्देश वित्त विभाग को दिया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री से फोन पर भी बात की है और कहा कि, इस मामले को देखिए। जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से संबंधित कई शिकायतें आई थी।
अंतरजातीय विवाह करने वाले एक युवक ने मुख्यमंत्री शिकायत की कि उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं प्राप्त हुई है। इस पर मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को फोन लगाया और निर्देश दिया कि अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि योजना के तहत जल्द युवकों राशि का भुगतान करें।