उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान गोलीबारी और आगजनी हुई। इस दौरान युवक राम गोपाल मिश्रा की जान चली गई। बताया जा रहा है कि राम गोपाल मिश्रा को अराजक तत्वों ने दर्दनाक तरीके से मौत के घाट उतारा गया। जानकारी के मुताबिक, इसी 20 जुलाई को राम गोपाल मिश्रा ने रोली से लव मैरिज की थी। पत्नी रोली 85 दिन में विधवा हो गई। राम गोपाल की पत्नी रोली का रो-रोकर बुरा हाल है। रोली अब न्याय की गुहार लगा रही हैं। रोली का कहना है कि जिस तरह से उसने मेरे पति की हत्या की है, उसे भी उसी तरह से सजा मिलनी चाहिए।
25 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव के रहने वाले थे। उनके पिता का नाम कैलाश नाथ मिश्रा है। मां का नाम मुन्नी देवी है। राम गोपाल कुल 4 भाई थे। 16 वर्षीय भाई राम मिलन की 12 साल पहले तालाब में डूबकर मौत हो गई। इसके अलावा भाई शिव मिलन की 2017 में जहर खाने से मौत हुई थी। राम गोपाल खेती के साथ कैटरिंग का काम करते थे। रामगोपाल घर में सबसे अधिक शिक्षित था। उसने इंटरमीडिएट तक शिक्षा ग्रहण की थी। राम गोपाल मिश्रा की महज 6 महीने पहले शादी हुई थी। राम गोपाल की मौत के बाद अब उसके घर में मातम पसरा हुआ है। परिवार सदमे में है और गांव में शोक की लहर है।
कैसे हुआ विवाद
13 अक्टूबर को अपने गांव की दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन जुलूस में शामिल थे। यह जुलूस महराजगंज बाजार से गुजर रहा था, जब अब्दुल हमीद के घर के पास दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। इस पर कहासुनी होने लगी। तभी धार्मिक स्थल के पास से पथराव शुरू हो गया। आरोप है कि इसी दौरान लोगों ने विसर्जन यात्रा की मूर्ति में लगे भगवा झंडे को नोच ले गए। जिसकी प्रतिक्रिया में रेहुआ मंसूर गांव निवासी रामगोपाल पुत्र कैलाशनाथ हमीद के घर के ऊपर चढ़ गए और उनका झंडा उतारने लगे। तभी हमीद व उनके परिजनों ने उनको घर में खींच कर बेरहमी से मारा- पीटा, नाखूनों में चोट पहुंचाई और गोली मार दी, जिससे उसका सीना छलनी हो गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।