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Akhilesh Yadav strategy: इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे में अभी वक्त है। इसलिए अखिलेश यादव संवाद-संपर्क संपर्क के जरिए वोटरों को सपा से जोड़ने में लगे हैं। उन्होंने अब बूथ मैनेजमेंट का माइक्रो प्लान तैयार किया है। इसके जरिए बूथ कमेटियां फ्लोटिंग वोट को जोड़ने का अभियान शुरू कर दिया है।

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इन वोटरों को समाजवादी विचारधारा से जुड़ने को प्रेरित किया जा रहा है। कोशिश है कि इन्हें सपा सरकार की उपलब्धियां व सत्ता पक्ष की नाकामियों बता कर उन्हें अपने पाले में लाया जाए।

सपा की निगाह फ्लोटिंग वोट पर है। यहवह वोटर होते हैं जो किसी दल से प्रतिबद्ध नहीं होते हैं और किसे वोट देंगे इसको लेकर असंमजस में रहते हैं। इस तरह के इन वोटरों को पार्टी से जुड़ने की मुहिम पर सपा का खासा जोर है और माइक्रो प्लान इसी पर फोकस है।

सपा ने पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा के बूथ मैनजमेंट पर गहरी नजर डाली है। अब उसने भाजपा की इस रणनीति को अपने हिसाब से इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने हर बूथ पर दस सदस्यों की कमेटी बनाई है। इसमें ओबीसी दलित व अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व खास तौर पर दिया गया है। इस कमेटी के सदस्यों से कहा गया है कि वह अपने बूथ पर कम से कम 100 वोटरों से संपर्क कर उन्हें सपा के बारे में बताएं और सुनिश्चित करें कि वह चुनाव में सपा का साथ देगा।

संपर्क का काम संपर्क वाले वोटरों का पूरा रिकार्ड रखा जाएगा। बूथ कमेटी के ऊपर सेक्टर कमेटियां बनी हैं। हर सेक्टर कमेटी 10 से 12 कमेटियों का कामकाज का देखेगा। इसके अलावा जोनल कमेटियां भी बनाई जा रही हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में छह जोन बनाए गए हैं। कहीं कहीं इससे ज्यादा भी हो सकते हैं। हर जोन में छह सेक्टर बनाए गए हैं।

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