नई दिल्ली, 14 जून 2025: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के 82 किलोमीटर लंबे मार्ग को जुलाई 2025 तक पूरी तरह से चालू करने की तैयारी है। यह कॉरिडोर मेट्रो जैसी सुविधा के साथ तेज रफ्तार परिवहन की सुविधा प्रदान करेगा। वर्तमान में इस कॉरिडोर का 55 किलोमीटर हिस्सा चालू है, जबकि शेष 27 किलोमीटर, जिसमें मेरठ मेट्रो सेगमेंट भी शामिल है, का ट्रायल चल रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अनुसार, इस परियोजना को जल्द ही कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। यह कॉरिडोर यात्रा समय को काफी हद तक कम करेगा और भारत का पहला ऐसा सिस्टम होगा, जिसमें रैपिड रेल और मेट्रो सिस्टम के बीच साझा इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना की शुरुआत मार्च 2019 में हुई थी और अब तक इसने 1 करोड़ से अधिक यात्रियों को सेवा प्रदान की है।
इस कॉरिडोर में बेगमपुल जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं, जो एक महत्वपूर्ण भूमिगत इंजीनियरिंग उपलब्धि है। इस परियोजना के तहत मेरठ में चार स्टेशन—मोदीपुरम, बेगमपुल, शताब्दी नगर और मेरठ साउथ—आरआरटीएस के साथ एकीकृत होंगे, जिससे मेरठ के भीतर और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद जैसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य हिस्सों तक निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
82 किमी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर जुलाई 2025 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा, जो मेट्रो जैसी सुविधा के साथ तेज परिवहन प्रदान करेगा। वर्तमान में 55 किमी चालू है, शेष 27 किमी का ट्रायल चल रहा है, जिसमें मेरठ मेट्रो सेगमेंट भी शामिल है।”
यह कॉरिडोर न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।
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