उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर राजस्व निरीक्षक के खाली करीब 2500 पदों पर पदोन्नति देने की मांग की है। इसमें कहा गया है कि पिछले तीन सालों से पदोन्नति न दिए जाने की वजह से अधिक आयु वाले लेखपाल सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
लेखपाल संघ के महामंत्री ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य सचिव को भेजे ज्ञापन में कहा है कि राजस्व निरीक्षक का पद लेखपालों की पदोन्नति से भरे जाने की व्यवस्था है। प्रदेश में मौजूदा समय करीब 22000 लेखपाल काम कर रहे हैं, लेकिन तीन सालों से पदोन्नति नहीं दी जा रही है। ज्ञापन में कहा गया है कि लेखपाल संवर्ग के लिए पदोन्नति के अवसर बहुत कम हैं। पूरी नौकरी में 95 फीसदी लेखपालों को तो एक भी पदोन्नति नसीब नहीं हो रही है। केवल पांच फीसदी लेखपालों को 35 से 40 वर्ष की सेवा पर सेवानिवृत्त के निकट होने पर पदोन्नति का लाभ मिलने की संभावना बनती है।
मगर, पिछले तीन सालों से राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति न दिए जाने की वजह से यह भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे लेखपालों के मनोबल पर लगातार प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वर्ष 1985 तक की मौलिक नियुक्ति के लेखपाल की वरियता सूची में 1500 नाम पहले से शेष थे। इसके बाद वर्ष 2019 में 1996 से 2005 तक मंडलीय स्तर पर सूची तैयार कराई गई। इसके बावजूद भी अभी तक पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। लेखपाल संघ ने मुख्य सचिव से मांग की है कि पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाए, जिससे लेखपालों को इसका लाभ मिल सके।