Gharouni News: ग्रामीण इलाकों में लोगों को जमीन के कागजात दिलाने के लिए घरौनी योजना की शुरूआत तो की गई, लेकिन प्रयागराज में सर्वे का काम बहुत ही धीमा है। यही कारण है कि बीते तीन सालों में तीन हजार में से महज 600 घरौनियों का वितरण हो सका है। जबकि आज भी ग्रामीण लोग जमीन के कागजात के लिए परेशान हैं।
लगभग तीन साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घरौनी योजना की शुरूआत की थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में लोगों को आवास का प्रमाणपत्र जारी करना था। घर का स्वामित्व मिलने की दशा में लोगों को तमाम सहूलियतें होतीं। पीएम के ऐलान के बाद प्रयागराज में सर्वे कराया गया। यहां पर आठ तहसीलों में तीन हजार से अधिक घरौनी तैयार कराने का काम होना था। तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद अब तक महज 600 घरौनी ही तैयार हो सकी है।
वो भी तब जब पिछले साल जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने तेजी के साथ घरौनी वितरित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद जिले के सर्वे के आधार पर 1400 अन्य घरौनी के दस्तावेज केंद्र सरकार की एजेंसी को भेजे गए हैं। इसका आना अभी बाकी है। शेष एक हजार जगह पर अब तक सर्वे का काम भी नहीं हो सका है।
कई जगह पर अभी सर्वे पूरा नहीं प्रयागराज। खुद अफसर यह मानते हैं कि अभी कई ग्रामीण इलाकों का सर्वे ही पूरा नहीं हो सका है। इसमें सबसे अधिक सदर तहसील पिछड़ी है। यहां पर सर्वे होने के बाद सभी गांवों का सर्वे पूरा हो जाएगा।
15 अगस्त को होगा
केंद्रीय एजेंसी को जिन 1400 घरौनियों का प्रमाणपत्र जारी करने के लिए भेजा गया है, उनमें से कुछ का वितरण 15 अगस्त को होगा। हालांकि संख्या कितनी होगी फिलहाल अफसर यह नहीं बता पा रहे हैं। अफसरों का कहना है कि इसी हफ्ते अंतिम संख्या प्राप्त होगी, जिसके बाद वितरण किया जाएगा।
घरौनी बनाने से क्या होगा फायदा
जैसे खेत की खतौनी होती है, ठीक इसी प्रकार से घर की घरौनी होती है। ग्रामीण इलाकों में पीढ़ियों से लोग रहते आ रहे हैं, लेकिन घरों के दस्तावेज नहीं हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री ने तीन साल पहले इस योजना की शुरूआत की थी। घरौनी योजना के तहत गांव के सर्वे के आधार पर घरों का स्वामित्व तय करना था, जिसके बाद उस व्यक्ति के नाम पर दस्तावेज तैयार होने थे। घर का दस्तावेज होने की दशा में जरूरतमंद अपनी जमीन के कागज के आधार पर जरूरत के अनुसर बैंक से ऋण भी ले सकते हैं।
क्या बोले जिम्मेदार
मुख्य राजस्व अधिकारी कुंवर पंकज ने बताया कि जिले में लगभग तीन हजार घरौनियां तैयार होनी हैं। इसमें से छह सौ घरौनी तैयार हो चुकी हैं। 1400 के दस्तावेज भेजे गए हैं। शेष पर अभी काम हो रहा है।