डॉक्टर मोरिया मोलिना का जन्म मैक्सिको में 19 मार्च 1943 को हुआ था। गूगल के अनुसार, उनको बचपन से ही विज्ञान में इतनी अधिक रुचि थी कि उन्होंने अपने बाथरूम को ही एक छोटी लैबोरेट्री बना दिया था। वो अपने पास एक छोटा खिलौना माइक्रोस्कोप रखते थे और छोटे जीवों को उसमें देखते रहते थे। मैक्सिको की ऑटोनॉमस नेशनल यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपनी कैमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। फिर जर्मनी से उन्होंने इसकी एडवांस डिग्री हासिल की। उसके बाद वह अमेरिका चले गए कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी में जाकर रिसर्च की।
1970 के दशक में मोरिया मोलिना ने पृथ्वी के वायुमंडल के बारे में रिसर्च करना शुरू किया कि कैसे सिंथेटिक कैमिकल इसे नुकसान पहुंचाते हैं। क्लोरोफ्लोरोकार्बन के बारे में पता लगाने वाले वह पहले व्यक्तियों में से एक थे। यह कार्बन एसी, स्प्रे और कई अन्य उपकरणों में पाया जाता है जो हमारे रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होते हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि यह ओजोन को नष्ट करता है। मारियो और उनके सहयोगियों ने इस रिसर्च को नेचर जर्नल में भी प्रकाशित किया। इसके लिए उन्हें नोबल पुरस्कार भी मिला।
उनकी इसी खोज ने मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की नींव रखी। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय समझौता था जिसके तहत ओजोन को नष्ट करने वाले 100 से ज्यादा कैमिकल्स का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। गूगल के अनुसार, उनकी इस खोज से ओजोन को बचाने में मदद मिली है और अगले कुछ दशकों में ओजोन को पूरी तरह से ठीक कर लिया जाएगा।
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