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बात 1990 की है। गुजरात में 8वीं विधानसभा के लिए चुनाव हो रहे थे। तब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मभूमि पोरबंदर के कुटियाना विधानसभा सीट से एक ऐसी महिला चुनाव लड़ रही थी, जिसे ‘लेडी डॉन’ कहा जाता था। उस महिला का नाम था संतोकबेन जडेजा। संतोकबेन ने तब जनता दल के टिकट पर वहां से चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की थी। इलाके में संतोकबेन का बोलबाला था।

उस वक्त केंद्र में जनता दल की अगुवाई में वीपी सिंह की सरकार थी। गुजरात में पूर्व मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल जनता दल के अगुवा थे। 1990 के चुनाव में बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई थी। बीजेपी के सहयोग से चिमनभाई पटेल दोबारा मुख्यमंत्री बने थे। इससे पहले जुलाई 1973 से फरवरी 1974 तक वह मुख्यमंत्री रह चुके थे। इंदिरा गांधी ने नव निर्माण आंदोलन के मद्देनजर उनकी सरकार बर्खास्त कर दी थी।

संतोकबेन पांच-सात साल पहले तक एक साधारण घरेलू महिला थी, जो बच्चों को पालने-पोषने और अपने पति सरमन जडेजा के लिए खाना बनाने तक ही घर की चारदिवारी में सीमित थी लेकिन 1986 में जैसे ही उसके पति की हत्या कर दी गई और उसे भी बच्चों समेत मारने की धमकी दी गई, उसने रौद्र रूप धारण कर लिया।

दरअसल, उसके पति सरमन मुंजा जडेजा एक मिल में मजदूर थे। एक बार मिल में मजदूरों की हड़ताल हो गई। तब मिल मालिक ने हड़ताल तुड़वाने के लिए स्थानीय गैंगस्टर को हायर किया था। सरमन जडेजा ने बहस और झगड़े के बाद गुस्से में गैंगस्टर को मार डाला। इसके बाद सरमन जडेजा का मजदूर मालिक से डॉन के रूप में रूपांतरण हो जाता है। अब उसके नाम से इलाके में लोग थर्राने लगे। 

धीरे-धीरे जडेजा इलाके का बड़ा डॉन बन गया लेकिन 1986 में उसने सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर जुर्म की दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन उसका काला अतीत उसका पीछा नहीं छोड़ रहा था। उसके दुश्मनों ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया। इतना ही नहीं उसकी बीवी-बच्चों को भी मारने की कोशिश हुई।

अपने बच्चों को बचाने के लिए संतोकबेन ने हथियार उठा लिए और पति के पुराने गैंग को फिर से जिंदा कर लिया। देखते-देखते इलाके में संतोकबेन की तूती बोलने लगी। संतोकबेन ने चुन-चुनकर उन 14 लोगों को मौत के घाट उतार दिया, जिस पर उसे अपने पति की हत्या का शक था। संतोकबेन पर 500 से ज्यादा क्रिमिनस केस दर्ज थे। इलाके में अपने वर्चस्व को देखकर उसे राजनीति में जाने की इच्छा हुई औऱ उसने 1990 का विधानसभा चुनाव लड़ा। संतोकबेन जीतकर गुजरात विधानसभा पहुंचने वाली पहली लेडी डॉन बन गई।

संतोकबेन जडेजा कुटियाना सीट से 1990 से 1995 तक विधायक रही। अब उनके बेटे कंधालभाई जडेजा भी इसी सीट से 2012 से विधायक हैं। 2012 और 2017 में कंधालभाई ने एनसीपी के टिकट पर चुनाव जीता लेकिन इस बार एनसीपी ने टिकट देने से इनकार दिया है। अब कंधालभाई समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।

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