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ज्ञानवापी
– फोटो : अमर उजाला

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ज्ञानवापी परिसर के एएसआई कोर्ट के आदेश के बाद से हिंदू पक्ष में खुशी की लहर है। वाराणसी जिला जज की अदालत ने वजूखाना छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की अनुमति दी है। साधु-संतों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि एएसआई के सर्वे में ज्ञानवापी का सच दुनिया के सामने आ जाएगा। मुस्लिम पक्ष को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। यह स्थान भगवान शिव का है और उसे शिवभक्तों को सौंप देना चाहिए। आततायी के निशानी के तौर पर इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।  

काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने कहा कि जिला न्यायालय द्वारा एएसआई सर्वे का आदेश स्वागत योग्य है। मैं देश के प्रबुद्ध मुसलमानों का आह्वान करता हूं कि वह समझौता कर लें। सनातनी हिंदू आगे आएं और आपस में वार्ता करके इस मामले का निराकरण कर लें।

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मुस्लिम पक्ष का दावा पूरी तरह से आधारहीन

पातालपुरी मठ के महंत बालक दास ने कहा कि ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष का दावा पूरी तरह से आधारहीन है। एएसआई सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की दलीलों को और भी ज्यादा मजबूत आधार मिल जाएगा। मुस्लिम पक्ष को बेवजह इस मामले को तूल नहीं देना चाहिए और इसे हिंदुओं को सौंप देना चाहिए।

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