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High Court News: कैट की इलाहाबाद बेंच के क्षेत्राधिकार में कटौती और वकीलों पर पुलिस और प्रशासन की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई के विरोध में हाईकोर्ट के वकील मगंलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। उधर, माफिया अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा की गिरफ्तारी के खिलाफ सोमवार को हुए प्रदर्शन के मद्देनजर जिला कचहरी और आसपास भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
यह निर्णय सोमवार को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। ओल्ड स्टडी रूम में एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि कैट बार एसोसिएशन इलाहाबाद बेंच के क्षेत्राधिकार के हनन को लेकर 19 जुलाई से आंदोलनरत हैं।

कैट बार एसोसिएशन के आंदोलन के समर्थन और अधिवक्ताओं के प्रति पुलिस और प्रशासन द्वारा दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही करने के विरोध में उच्च न्यायालय के सभी सम्मानित अधिवक्ता मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। बैठक का संचालन महासचिव नितिन शर्मा ने किया। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी, अरविंद कुमार श्रीवास्तव व स्वर्णलता सुमन, संयुक्त सचिव सर्वेश कुमार दुबे, अजय सिंह, अमरेंदु सिंह व अंजना चतुर्वेदी, गवर्निंग काउंसिल सदस्य प्रीति द्विवेदी, सरिता सिंह, अमित कुमार पांडेय, ओम प्रकाश विश्वकर्मा, अरविंद कुमार सिंह, आशुतोष मिश्र, सुधीर कुमार केसरवानी, साइमा सहेर, अनिरुद्ध ओझा, अनिल कुमार मिश्र, गुलाब सिंह यादव एवं अनिल प्रताप सिंह उपस्थित रहे।

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गिरफ्तारी के विरोध में वकीलों ने किया प्रदर्शन

उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के वकील विजय मिश्र को जेल भेजे जाने पर सोमवार को वकीलों ने विरोध जताया। जिला अधिवक्ता संघ की आम सभा में वकीलों ने विरोध स्वरूप न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया। इसके बाद कुछ वकीलों ने सड़क पर उतर प्रदर्शन किया। वकीलों ने विरोध स्वरूप सड़क पर बैठकर नारेबाजी की, जिससे ट्रैफिक रुक गया। सड़क पर जाम लग गया। नाराज वकीलों का आरोप है कि विजय मिश्र को इस मामले में फंसाया गया है। वकीलों ने निर्णय लिया कि मंगलवार को आम सभा की बैठक बुलाकर अग्रिम रणनीति बनाई जाएगी।

बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में अतीक-अशरफ और उनके परिवार का मुकदमा लड़ने वाले अधिवक्ता विजय मिश्र को रविवार को पुलिस ने जेल भेज दिया था। विजय मिश्र पर उमेश पाल हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है। इस मामले को लेकर सोमवार को हंगामे की आशंका पहले से थी। इसलिए कचहरी परिसर में जगह-जगह सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

सुबह वकीलों ने आम सभा कर कार्य से विरत रहने का फैसला किया। जिला अधिवक्ता संघ की कार्यकारिणी की आपात बैठक अपरान्ह तीन बजे संघ कार्यालय में हुई। बैठक में उपरोक्त मामले के उचित एवं त्वरित निस्तारण के लिए एक अगस्त को पूर्व अध्यक्षगण की बैठक बुलाई गई है। निर्णय लिया गया है कि पूर्व अध्यक्षगण मामले पर निर्णय लें। तय हुआ कि एक अगस्त को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। संघ की बैठक उपाध्यक्ष देवकान्त शुक्ल की अध्यक्षता में हुई। संचालन मंत्री विद्या वारिधि मिश्र ने किया।

आम सभा में बाल गोविन्द मिश्र, वरुण सिंह, सुधाकर पाण्डेय, श्यामधर मिश्र, दिनेश चन्द्र पाण्डेय, बृजेश ओझा, सुशील सिंह और पूर्व मंत्रीगण अरुण पाण्डेय, मनोज सिंह लोकेश, कृष्ण चन्द्र मिश्र बऊ, राजेन्द्र प्रसाद मिश्र, पूर्व अध्यक्षगण राकेश तिवारी, शीतला प्रसाद मिश्र, उमा शंकर तिवारी एवं कृष्ण बिहारी तिवारी ने विचार रखे।

कई बिल्डरों की पुलिस को तलाश

अतीक-अशरफ, अली, उमर समेत परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन को खरीदने के लिए कई बिल्डर, प्रॉपर्टी डीलर विजय मिश्र के संपर्क में थे। अतीक-अशरफ परिवार के लोगों को इन दिनों लाखों रुपये की जरूरत थी, ऐसे में कई जमीनों को बेचकर रुपये जमा करने की तैयारी थी। सबकी निगाह लखनऊ और प्रयागराज एयरपोर्ट के पास करोड़ों रुपये कीमत की अतीक की जमीन पर थी। अब लखनऊ की जमीन को लेकर जानकारी के लिए एक टीम को वहां भेजा गया है ताकि जमीन कुर्क करने की कार्रवाई की जा सके। इससे पहले पुलिस बिल्डर समेत अन्य कारोबारियों के बारे में जानकारी जुटा रही है जो इन जमीनों को खरीदने के लिए सौदा कर रहे थे।

कचहरी और आसपास का क्षेत्र बना छावनी

उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के अधिवक्ता विजय मिश्र को जेल भेजने के मामले को लेकर सोमवार को पुलिस खासा सतर्क रही। हंगामे की आशंका को देखते हुए यूं तो रात में ही जिला अदालत के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, लेकिन सोमवार सुबह कचहरी परिसर और उसके आसपास के इलाकों में पुलिस, पीएसी और आरएएफ का पहरा रहा। पुलिस अधिकारी सुबह से ही उस इलाके में गश्त करते रहे। मामला अधिवक्ता की गिरफ्तारी के विरोध का था इसलिए पुलिस ने पूरी तैयारी की हुई थी।

कई दलों के नेताओं पर रही निगाह

कई राजनीतिक दलों के छुटभैये नेताओं पर पुलिस खास निगाह रखे थी। पुलिस अधिकारी बार एसोसिएशन समेत अन्य संगठन के प्रतिनिधियों के साथ घूमकर सुरक्षा का जायजा लेते रहे। पुलिस टीमों ने अधिवक्ता विजय मिश्र के खिलाफ अहम साक्ष्य जुटाने के बाद ही हाथ डाला था। ऐसे में सीनियर वकीलों से इस संबंध में लगातार वार्ता होती रही। कचहरी परिसर के अलावा पुलिस टीमों ने कटरा चौराहा, म्योहाल चौराहा, बेली रोड, कर्नलगंज, सिविल लाइंस में भी विशेष चौकसी बरती कि कहीं कोई हंगामा न कर सके।

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