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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय फिर से यूजी कोर्स की एक कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का ऑन स्क्रीन मूल्यांकन करवाने की तैयारी में है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रथम वर्ष के रहे खराब परीक्षा परिणाम पर ऑन स्क्रीन मूल्यांकन पर भी सवाल उठे थे। हालांकि जांच के बाद विवि ने दावा किया था कि मूल्यांकन की यह प्रक्रिया सही है। अब मार्च 2023 में में प्रस्तावित यूजी डिग्री कोर्स की वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम वर्ष की उत्तर पुस्तिकाओं का ऑन स्क्रीन मूल्यांकन करवाने की तैयारी चल रही है। इस मामले पर विवि में होने वाले प्रशासनिक फेरबदल के बाद अंतिम निर्णय होना तय है। पूर्व कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार के समय में विवि का कंपनी के साथ करार हुआ है। शर्त के अनुसार विवि को एक वर्ष में तीन लाख उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैनिंग कर इनका ऑन स्क्रीन मूल्यांकन करवाना होगा। 

विश्वविद्यालय यूजी प्रथम वर्ष की होने वाली परीक्षाओं के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का इस नई तकनीक से मूल्यांकन करवाएगा। जिसकी तैयारी अभी से चल भी रही है। इस शर्त को पूरा करना विवि की मजबूरी है। यूजी प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की संख्या घटने पर तीन लाख उत्तर पुस्तिकाओं की संख्या पूरा करने में विवि को मुश्किल हो सकती है। इस पर विवि को समय रहते फैसला लेना होगा। विवि प्रशासन को इसके लिए एक दो और कक्षाएं भी जोड़नी पड़ सकती हैं।

यूजी प्रथम वर्ष में आधी रह सकती है छात्रों की संख्या

शिमला। सरदार पटेल विश्वविद्यालय के बन जाने से दोनों विश्वविद्यालय यूजी प्रथम वर्ष की अलग-अलग परीक्षाएं करवाने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में एचपीयू में आने वाले कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे प्रथम वर्ष बीए, बीएससी और बीकॉम के विद्यार्थियों की संख्या 48 हजार से कम हो कर 24 से 28 हजार हजार तक रह सकती है। इन छात्रों की अलग अलग विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं की कुल संख्या तीन लाख तक शायद ही रहे। 

एक उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन पर 57 रुपये आता है खर्च 

ऑन स्क्रीन मूल्यांकन की अपनाई गई नई तकनीक में उत्तर पुस्तिका स्कैनिंग से लेकर मूल्यांकन तक का कुल खर्च 57 रुपये होता है। 

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