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पीएम मोदी ने 2030 तक 500 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी स्थापित करने का लक्ष्य रखा है.

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नयी दिल्ली: Atmanirbhar Bharat Abhiyaan: दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Atmanirbhar Bharat) पहल के कारण स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से एनर्जी सेक्टर में 2047 तक आत्मनिर्भरता हासिल कर सकती है. अमेरिका के एक टॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी (Renewable Energy Capacity) में बड़े विस्तार से आयात में अरबों डॉलर की बचत होती है.

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सरकार द्वारा समर्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर लॉरेंस बार्कले नेशनल लैबोरेटरी ने ‘द इंडिया एनर्जी एंड क्लाइमेट सेंटर (आईईसीसी)’ के साथ मिलकर ‘आत्मनिर्भर भारत का रास्ता’ नामक एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें भारत द्वारा स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की दिशा में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला गया है.

भारत अपनी कच्चे तेल और कोयले की 80 से 85 प्रतिशत जरूरत आयात से पूरा करता है. वैश्विक ऊर्जा बाजारों में इनकी कीमत और आपूर्ति में उतार-चढ़ाव के कारण भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि स्वच्छ ऊर्जा की कीमतों में हाल ही में आई कमी से भारत को रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), बैटरी स्टोरेज (Battery Storage) और ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) में निवेश के माध्यम से ऊर्जा आयात को कम करने का मौका मिला है.

पीएम मोदी पहले से ही 2030 तक 500 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी स्थापित करने का लक्ष्य तय कर चुके हैं. सरकार 2030 तक निजी कारों में 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी चाहती है. कमर्शियल वाहनों में 70 प्रतिशत और दोपहिया के लिए यह लक्ष्य 80 प्रतिशत का है. इसके चलते सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने को प्रयासरत है. इसके साथ ही, भारत रिन्यूएबल सोर्स से बिजली का उपयोग करके 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य बना रहा है.

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