India’s first woman Subedar : Preeti Rajak की प्रेरणादायक कहानी

India's first woman Subedar: The inspiring story of Preeti Rajak

India’s first woman Subedar : Preeti Rajak | भारतीय सेना (Indian Army) में महिलाओं का योगदान दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। नारी शक्ति (Nari Shakti) की मिसाल कायम करते हुए, मध्य प्रदेश की प्रीति राजक ने इतिहास रच दिया है। वह भारतीय सेना में सूबेदार (Subedar) के पद पर प्रमोट होने वाली पहली महिला बनी हैं। यह उपलब्धि न सिर्फ उनकी शूटिंग में कमाल की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि भारतीय सेना में महिलाओं के लिए नए रास्ते खोलती है। Preeti Rajak की कहानी हर युवा लड़की को प्रेरित कर रही है। आइए, जानते हैं प्रीति राजक की जिंदगी, शिक्षा और उपलब्धियों के बारे में।

प्रीति राजक का प्रारंभिक जीवन और खेल सफर

Preeti Rajak का जन्म 6 नवंबर 2002 को मध्य प्रदेश के इटारसी शहर में हुआ। उनका परिवार साधारण था। पिता एक ड्राई क्लीनर थे, लेकिन उन्होंने प्रीति की खेल प्रतिभा को पहचाना। 2015 में, उन्होंने Preeti Rajak को मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी (Madhya Pradesh Shooting Academy) में दाखिला दिला दिया। वहां से प्रीति का सफर शुरू हुआ।

शुरुआती दिनों में, Preeti Rajak ने राज्य स्तर और सब-जूनियर नेशनल प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर सबको चौंका दिया। उनके लोकल कोचों ने उन्हें ट्रैप शूटिंग (Trap Shooting) में ट्रेनिंग दी, जो एक चुनौतीपूर्ण खेल है। धीरे-धीरे, प्रीति ने राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया। उन्होंने वर्ल्ड शॉटगन चैंपियनशिप (World Shotgun Championships), एशियन गेम्स (Asian Games) और कई वर्ल्ड कप (World Cups) में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

Preeti Rajak की शिक्षा भी मजबूत रही। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई इटारसी के लोकल स्कूलों से पूरी की, लेकिन खेल ने उन्हें प्राथमिकता दी। शूटिंग अकादमी में रहते हुए उन्होंने फिजिकल फिटनेस और मेंटल स्ट्रेंथ पर फोकस किया। आज, प्रीति न सिर्फ एक एथलीट हैं, बल्कि एक सैनिक भी, जो युवाओं को बताती हैं कि सपने देखो और मेहनत करो।

भारतीय सेना में शामिल होना: एक नया अध्याय

दिसंबर 2022 में, Preeti Rajak राजक भारतीय सेना के मिलिट्री पुलिस कोर (Corps of Military Police) में शामिल हुईं। यह वह समय था जब सेना ने महिलाओं को एनलिस्टेड रोल्स में जगह देना शुरू किया था। उनकी ट्रैप शूटिंग में सफलता के दम पर उन्हें हवलदार (Havildar) का पद मिला। वह इस खेल से आने वाली पहली मेरिटोरियस स्पोर्ट्सवुमन बनीं।

Preeti Rajak ने प्रीति को आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (Army Marksmanship Unit) में स्टेट-ऑफ-द-आर्ट ट्रेनिंग दी। यहां उन्हें न सिर्फ शूटिंग में महारत हासिल हुई, बल्कि सैनिक जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की ताकत भी मिली। जंगल, पहाड़ और कठोर मौसम में ट्रेनिंग ने उन्हें मजबूत बनाया। प्रीति कहती हैं, “सेना ने मुझे एक एथलीट से सिपाही बनाया, और यह सफर अद्भुत रहा।”

ऐतिहासिक प्रमोशन: सूबेदार बनने की कहानी

27 जनवरी 2024 को Preeti Rajak को सूबेदार के पद पर प्रमोट किया गया। यह आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन था, जो उनकी असाधारण सेवा और खेल उपलब्धियों के लिए मिला। पिपिंग सेरेमनी में सीनियर मिलिट्री ऑफिसर्स ने उन्हें बधाई दी। यह समारोह भावुक था, क्योंकि प्रीति पहली महिला बनीं जो इस जूनियर कमीशंड ऑफिसर (Junior Commissioned Officer) रैंक पर पहुंचीं।

सूबेदार का पद सेना में बहुत महत्वपूर्ण है। यह जूनियर सैनिकों को मेंटर करने, ऑफिसर्स और सैनिकों के बीच पुल का काम करने जैसी जिम्मेदारियां देता है। प्रीति की यह उपलब्धि लिंग भेदभाव को तोड़ती है। सेना के नियमों में बदलाव के बाद महिलाओं को ऐसे पद मिलने लगे हैं, लेकिन प्रीति ने इसे हासिल करके मिसाल कायम की।

प्रीति की उपलब्धियां: एशियन गेम्स से वर्ल्ड स्टेज तक

Preeti Rajak की उपलब्धियां लंबी लिस्ट वाली हैं। 2022 एशियन गेम्स (Asian Games) हांगझोउ, चीन में उन्होंने महिलाओं की ट्रैप टीम इवेंट में सिल्वर मेडल जीता। राजेश्वरी कुमारी और मनीषा कीर के साथ मिलकर उन्होंने भारत को गौरवान्वित किया। यह मेडल प्रीति के करियर का टर्निंग पॉइंट था।

इसके अलावा, प्रीति ने कई वर्ल्ड कप और वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। उन्होंने राज्य, नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर दर्जनों मेडल जीते। उनकी सटीक निशानेबाजी और दबाव में शांत रहने की क्षमता ने उन्हें स्टार बना दिया। सेना में आने के बाद भी उन्होंने खेल नहीं छोड़ा। बल्कि, आर्मी की सपोर्ट से वे और आगे बढ़ीं।

प्रीति की कहानी भारतीय खेल मंत्रालय (Ministry of Youth Affairs and Sports) की योजनाओं का भी उदाहरण है, जैसे कि टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS), जो युवा एथलीट्स को सपोर्ट करती है।

सूबेदार रैंक का महत्व: महिलाओं के लिए नया द्वार

सूबेदार रैंक भारतीय सेना में सबसे प्रतिष्ठित जूनियर कमीशंड पदों में से एक है। यह सिर्फ एक टाइटल नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारियां लाता है। सूबेदार जूनियर सैनिकों को ट्रेनिंग देते हैं, डिसिप्लिन बनाए रखते हैं और यूनिट की लीडरशिप में मदद करते हैं। प्रीति जैसे महिला सूबेदार का आना सेना में जेंडर इक्वालिटी (Gender Equality) को मजबूत करता है।

पिछले कुछ सालों में, भारतीय सेना ने महिलाओं को फाइटर पायलट, ग्राउंड फोर्सेस और अब जूनियर रैंक्स में जगह दी है। प्रीति की सफलता युवा लड़कियों को संदेश देती है कि मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। यह नारी शक्ति का प्रतीक है, जो रक्षा क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को बदल रहा है।

प्रीति राजक: प्रेरणा का स्रोत

प्रीति राजक की यात्रा इटारसी की गलियों से सेना के हॉल ऑफ फेम तक है। एक साधारण परिवार की लड़की ने ट्रैप शूटिंग में महारत हासिल की, सेना जॉइन की और सूबेदार बनी। उनकी कहानी बताती है कि सपने बड़े हों तो रास्ते खुद बन जाते हैं। आज, लाखों लड़कियां प्रीति को देखकर सोच रही हैं कि वे भी सेना या खेल में कमाल कर सकती हैं।

भारतीय सेना ने प्रीति को सम्मानित किया है, और उम्मीद है कि ऐसी और कहानियां आएंगी। अगर आप प्रीति राजक या भारतीय सेना के बारे में और जानना चाहते हैं, तो कमेंट्स में बताएं। यह खबर न सिर्फ GK (General Knowledge) के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि मोटिवेशन के लिए भी। जय हिंद!