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IRDAI Health Insurance New Circular 2024: अब हेल्थ इंश्योरेंस में एक घंटे के भीतर मिलेगी कैशलेस इलाज की अनुमति, डिस्चार्ज के 3 घंटे के अंदर क्लेम सेटलमेंट जरूरी

IRDAI Health Insurance New Circular 2024: अब हेल्थ इंश्योरेंस में एक घंटे के भीतर मिलेगी कैशलेस इलाज की अनुमति,  डिस्चार्ज के 3 घंटे के अंदर क्लेम सेटलमेंट जरूरी

IRDAI Health Insurance New Circular के सर्कुलर के अनुसार, क्‍लेम सेटलमेंट के लिए, पॉलिसी होल्‍डर्स को कोई डॉक्‍युमेंट जमा करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि बीमाकर्ता और TPA को अस्पतालों से जरूरी डॉक्‍युमेंट्स लेने होंगे.

IRDAI Health Insurance New Circular: हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी होल्‍डर्स के लिए राहत भरी खबर है. इंश्‍योरेंस रेगुलेटर (IRDAI) ने पॉलिसी होल्डर्स के हित में बड़ा फैसला किया है. IRDAI ने बुधवार को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर एक मास्‍टर सर्कुलर जारी कर स्पष्ट किया है कि बीमा कंपनियों को पॉलिसी होल्डर्स की ओर से क्लेम का अनुरोध मिलने के एक घंटे के भीतर कैशलेस इलाज की अनुमति देनी होगी

वहीं, डिस्चार्ज रिक्‍वेस्‍ट मिलने के तीन घंटे के अंदर बीमा कंपनियों को क्लेम सेटलमेंट करना होगा. अगर तीन घंटे में क्लेम सेटलमेंट नहीं होता है तो बीमा कंपनी हॉस्पिटल चार्जेस की भरपाई करेगी. हेल्‍थ इंश्‍योरेंस पर IRDAI का नया मास्‍टर सर्कुलर, पहले जारी किए गए 55 सर्कुलर को निरस्‍त करता है. IRDAI ने कहा कि ये पॉलिसी होल्‍डर्स के सशक्‍तिकरण और इनक्‍लूसिव हेल्‍थ इंश्‍योरेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम है.

IRDAI Health Insurance New Circular: सर्कुलर में और क्‍या-क्‍या कहा गया?

क्या कहा है आईआरडीएआई ने

आईआरडीएआई (IRDAI) ने हेल्थ इंश्योरेंस पर 55 सर्कुलरों को रद्द कर एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के मुताबिक पॉलिसीधारक को अनुरोध करने के 3 घंटे के भीतर क्लेम सेटलमेंट की सुविधा मिल जाएगी। IRDAI ने कहा है कि बीमा कंपनी को अस्पताल से डिस्चार्ज अनुरोध प्राप्त होने के तीन घंटे के भीतर मामला निपटना होगा।

अस्पताल के छुट्टी के लिए इंतजार नहीं

बीमा नियामक ने कहा है कि मरीज को किसी भी स्थिति में अस्पताल से डिस्चार्ज होने के लिए इंतजार नहीं करवाना चाहिए। यदि पॉलिसीधारक के मरीज को अस्तपाल से छुट्टी मिलने में तीन घंटे से ज्यादा देरी हुई तो अस्पताल द्वारा ली जाने वाली अतिरिक्त राशि (अगर कोई हो) इंश्योरेंस कंपनी के शेयरधारकों के फंड से वहन की जाएगी।

IRDAI ने बनाए ये नियम

अब नियम बना दिया गया है कि इलाज के दौरान पॉलिसीधारक की मौत होने पर इंश्योरेंस कंपनी क्लेम सेटलमेंट के अनुरोध पर तुरंत कार्रवाई करेगी। यही नहीं, शव को तुरंत अस्पताल से निकलवाया जाएगा। नियामक ने कहा है कि इंश्योरेंस कंपनी को समयबद्ध तरीके से 100% कैशलेस क्लेम सेटलमेंट एक तय समय सीमा में करना चाहिए। इमरजेंसी है तो अनुरोध के एक घंटे में निर्णय हो जाए।

कब लागू होंगे ये नियम

IRDAI ने बीमा कंपनियों से आगामी 31 जुलाई तक इन नियमों को लागू करने को कहा है। कैशलेस अनुरोध के मामलों के लिए अस्पताल एक हेल्प डेस्क की व्यवस्था कर सकते हैं।

3 घंटे में बीमा कंपनियां सेटल करेंगी क्लेम


बीमा नियामक इरडा ने हेल्थ इंश्योरेंस के क्लेम से जुड़े नियमों में एक और बड़ा बदलाव किया है. अब बीमा कंपनियों को हॉस्पिटल से जैसे ही मरीज के डिस्चार्ज की रिक्वेस्ट रिसीव होगी, उसके तीन घंटे के भीतर ही बीमा कंपनियों को उस पर अपना फाइनल अप्रूवल देना होगा. यानी एक तरह से बीमा कंपनियों को डिस्चार्ज की रिक्वेस्ट के बाद 3 घंटे के अंदर ही क्लेम सेटल करना होगा.

पुराने सारे सर्कुलर अब मान्य नहीं


इरडा ने इस नए मास्टर सर्कुलर को रिलीज कर साफ कर दिया है कि हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े पुराने सभी 55 सकुर्लर को अब निरस्त कर दिया गया है. उन सभी को इसमें समाहित करके ही ये कॉम्प्रिहेंसिव सर्कुलर जारी किया है. इरडा का कहना है कि इस सर्कुलर का मकसद हेल्थ इंश्योरेंस ग्राहकों को अधिक सशक्त बनाना और उन्हें बेहतर विकल्प उपलब्ध कराना है.

नो क्लेम बोनस से टेक्नीकल सॉल्युशंस तक पर बात


इस सर्कुलर में इरडा ने ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा बेनेफिट देने पर जोर दिया गया है. जैसे किसी ग्राहक के पॉलिसी पीरियड में कोई क्लेम नहीं करने पर उसे या तो सम एश्योर्ड में बढ़ोतरी या प्रीमियम में डिस्काउंट देने की बात कही गई है. इस सर्कुलर का असली मकसद हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर को 100 प्रतिशत कैशलेस क्लेम सेटलमेंट को समय सीमा में पूरा करना है.

बीमा कंपनियों को हर इंश्योरेंस ग्राहक को एक कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट देनी होगी. इसमें उसे आसान भाषा में पॉलिसी के टाइप, उसकी बीमा राशि, कवरेज की डिटेल, कवरेज से बाहर की बातें, डिडक्ट होने वाले क्लेम की जानकारी और बीमारियों के वेटिंग पीरियड की पूरी जानकारी देनी होगी.

सेटलमेंट के लिए ग्राहकों को नहीं जमा करने होंगे पेपर्स


वहीं सर्कुलर बीमा कंपनियों को निर्देश देता है कि वह ग्राहकों को ऑनबोर्ड करने से लेकर पॉलिसी के रीन्युअल, पॉलिसी से जुड़ी सर्विसेस और विवादों इत्यादि के लिए एंड-2-एंड टेक्नीकल सॉल्युशंस देने की दिशा में काम करें. इसमें कहा गया है कि क्लेम सेटलमेंट के लिए पॉलिसी होल्डर कोई डॉक्युमेंट जमा नहीं करेगा, बल्कि बीमा कंपनियों को ये अस्पताल से ही कलेक्ट करने होंगे. सर्कुलर में बीमा पोर्टेबिलिटी को आसान बनाने की बात कही गई है. साथ ही विवाद की स्थिति में अगर बीमा लोकपाल बीमा कंपनी के खिलाफ कोई फैसला सुनाता है और वह 30 दिन में लागू नहीं होता है. तब बीमा कंपनी पॉलिसी होल्डर को हर दिन 5,000 रुपए मुआवजा देगी.

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