कानपुर, 10 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के कई जिलों, खासकर कानपुर में गुरुवार सुबह से हो रही बारिश ने भीषण गर्मी से राहत तो दी, लेकिन किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। बारिश के कारण शहर का मौसम सुहावना हो गया है, लेकिन खेतों में पानी भरने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने पहले ही वज्रपात और तेज बारिश का अलर्ट जारी किया था, जो अब हकीकत में बदल गया है।
बारिश से बदला मौसम
कानपुर और आसपास के इलाकों में गुरुवार तड़के से बारिश शुरू हुई। कानपुर – यूपी के कई जिलों में हो रही बारिश से भीषण गर्मी से राहत। शहर के कई हिस्सों में बारिश शुरू, मौसम हुआ सुहावना। मौसम विभाग ने कल ही जारी किया था वज्रपात और तेज बारिश का अलर्ट।” इस बारिश ने गर्मी से परेशान लोगों को राहत दी, लेकिन इसका दूसरा पहलू किसानों के लिए चिंताजनक है।
किसानों की फसल पर संकट
बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। एक पुरानी रिपोर्ट (2015) के अनुसार, कानपुर देहात और उन्नाव जैसे पड़ोसी जिलों में भी भारी बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। उस समय भी खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद हो गई थीं, और अब 2025 में भी स्थिति कुछ ऐसी ही दिख रही है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 9 अप्रैल को ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लिए तेज बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया था। @weatherindia और @NWS जैसी संस्थाओं ने भी इसकी पुष्टि की। मौसम विभाग की वेबसाइट (mausam.imd.gov.in) के अनुसार, अप्रैल से जून 2025 तक गर्म मौसम का पूर्वानुमान जारी किया गया था, लेकिन इस बीच बारिश ने मौसम के मिजाज को बदल दिया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की बारिश अप्रैल में असामान्य नहीं है, लेकिन यह फसलों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
फसलों पर असर और भविष्य की चिंता
टाइम्स ऑफ इंडिया की 2015 की रिपोर्ट में बताया गया था कि भारी बारिश और ओलावृष्टि से आलू जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ था, जिसके चलते सब्जियों और दालों की कीमतों में उछाल आया था। इस बार भी किसानों को डर है कि बारिश से गेहूं, चना और अन्य फसलों को नुकसान होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा। इसके अलावा, मौसम में उतार-चढ़ाव से बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।
मौसम का मिजाज
कानपुर में बारिश के बाद दिन का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे आ गया है, लेकिन रातें अभी भी ठंडी हैं, जहां तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का मौसम लोगों की सेहत और फसलों के लिए ठीक नहीं है।
कानपुर और आसपास के इलाकों में बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी है, वहीं किसानों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश और वज्रपात की संभावना जताई है, जिसके चलते प्रशासन और किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि फसल नुकसान की भरपाई के लिए जल्द से जल्द राहत पैकेज की घोषणा की जाए।
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