Karwa Chauth 2021: कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं। वह चांद देखकर व्रत का पारण करती हैं। इस वर्ष करवा चौथ का त्योहार 24 अक्टूबर रविवार को है। करवाचौथ को करक चतुर्थी और दशरथ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
ज्योतिषार्य के अनुसार इस साल करवा चौथ पर रात 11.35 मिनट तक वरियान योग रहेगा। इस योग में सभी कार्य सफल होते हैं। इसके बाद रात रात 01 बजकर 02 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा। आइए जानते हैं करवा चौथ का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
करवा चौथा का शुभ मुहूर्त
- चतुर्थी तिथि आरंभ – 24 अक्टूबर तड़के 03 बजकर 2 मिनट से शुरू
- चतुर्थी तिथि समाप्त – 25 अक्टूबर सुबह 05 बजकर 43 मिनट तक
- चंद्रोदय – शाम 07 बजकर 51 मिनट
करवा चौथा की पूजा विधि
करवा चौथ के दिन घर के उत्तर-पूर्व दिशा के कोने को अच्छे से साफ करें। फिर लकड़ी का पाट बिछाकर उस पर भगवान शिव, मां गौरी और गणेशी की प्रतिमा या चित्र रखें। उत्तर दिशा में एक जल से भरा लोटा या कलश स्थापित करना चाहिए। उसमें थोड़े से चावल डाले। अब उस पर रोली, चावल का टीका और लोटे की गर्दन पर मौली बांधे। इस प्रकार कलश की स्थापना के बाद माता गौरी की पूजा करनी चाहिए। उन्हें सिंदूर चढ़ाना चाहिए।
करवा चौथ के दिन शक्कर से बने करवे की पूजन का काफी महत्व है। चार पूड़ी और चार लड्डू तीन अलग जगह लेकर एक हिस्से को पानी वाले कलश के ऊपर रखें। दूसरे हिस्से को चीनी के करवे पर रखें और तीसरे हिस्से को पूजा के समय औरतें अपनी साड़ी या चुनरी के पल्ले में बांध लें। अब मां देवी के सामने घी का दीपक जलाकर कथा पढ़ें। पूजा के बाद साड़ी के पल्ले में रखे प्रसाद और करवे पर रखे प्रसाद को अपने पुत्र या पति को खिलाएं। वह कलश पर रखे प्रसाद को गाय को खिला दें। पानी से भरे कलश को पूजा स्थल पर रहने दें। रात को चंद्रमा दिखने पर इसी लोटे के पानी से चांद को अर्घ्य दें। वह व्रत का पारण करें।
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Posted By: Navodit Saktawat