कोलकाता, 12 अप्रैल 2025: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुई बड़े पैमाने पर हिंसा के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। इस हिंसा में पिता-पुत्र हरगोबिंद दास और चंदन दास की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद इलाके में तनाव का माहौल है।
हाई कोर्ट ने यह आदेश शनिवार को एक विशेष सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि वह इस स्थिति को नजरअंदाज नहीं कर सकता और राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह हिंसा शुक्रवार को उस समय भड़की थी, जब वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। इस दौरान धुलियान रेलवे स्टेशन पर भीड़ ने रिले रूम को तोड़ दिया और रेलवे कर्मचारियों के वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद रेल सेवाएं प्रभावित हुईं।
भाजपा नेता और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल आवश्यक सेवाओं को बाधित करती हैं, बल्कि राष्ट्र के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुर्शिदाबाद में प्रतिबंधित संगठनों जैसे पीएफआई और सिमी की मौजूदगी इस मामले को और संवेदनशील बनाती है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने हिंसा को रोकने के लिए शांति और सद्भाव की अपील की और कहा कि यह कानून केंद्र सरकार द्वारा पारित किया गया है, न कि राज्य सरकार द्वारा।
मुर्शिदाबाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 8 कंपनियों के बीएसएफ जवानों के साथ-साथ करीब 1,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। हाई कोर्ट ने ममता सरकार को 17 अप्रैल तक एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है और यह भी आदेश दिया है कि केंद्रीय बलों की तैनाती न केवल मुर्शिदाबाद में, बल्कि राज्य के उन सभी क्षेत्रों में की जाए जहां इस तरह की हिंसक घटनाएं होती हैं।
यह घटना पश्चिम बंगाल में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को दर्शाती है, जिसके बाद अब केंद्र और राज्य सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग तेज हो गई है।