समाजवादी पार्टी का मुस्लिम-यादव फॉर्मूला
मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha Seat) पर समाजवादी पार्टी (SP) लंबे समय से मुस्लिम-यादव फॉर्मूले (MY Formula) के दम पर जीत हासिल करती आई है और अगर इस बार भी यह फॉर्मूला कामयाब रहा तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मुश्किल बढ़ सकती है. बता दें कि मैनपुरी में यादव और मुस्लिम वोटर्स की संख्या अच्छी-खासी है, जो चुनाव में हमेशा से ही अहम भूमिका निभाते हैं.
मैनपुरी में करीब सवा चार लाख यादव वोटर्स
रिपोर्ट्स के अनुसार, मैनपुरी में यादव वोटर्स की संख्या करीब 4.25 लाख है, जबकि मुस्लिम वोटर्स की संख्या करीब 1 लाख है. इन वोटर्स का झुकाव समाजवादी पार्टी (SP) की तरफ हमेसा से रहा है और इस बार भी यह फॉर्मूला कामयाब रहा तो डिंपल यादव (Dimple Yadav) एक बार फिर लोकसभा पहुंच सकती हैं. डिंपल को पूरा भरोसा है कि सपा का पुराना फॉर्मूला काम करेगा और मुस्लिम-यादव उनके पक्ष में वोट करेंगे.
इस बार दलित वोटर्स की होगी अहम भूमिका
मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri By-Election) में इस बार कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. इस वजह से सीधी टक्कर बीजेपी और सपा के बीच हैं और दोनों पार्टियां दलित वोटर्स को साधने में लगी हुई हैं. मैनपुरी में बसपा एक बार भी चुनाव नहीं जीत सकी है, लेकिन उसका औसत वोट करीब 16 फीसदी रहा है. इस चुनाव में बसपा के नहीं होने से ये वोट काफी अहम हो गया है. दलित वोटर्स (Dalit Voters) की बात करें तो मैनपुरी में इनकी संख्या करीब 2 लाख है, जिनमें से 1.2 लाख मतदाता जाटव समाज से हैं. वहीं, कटरिया समाज के करीब 60 हजार मतदाता हैं और अन्य दलित मतदाताओं की संख्या 20 हजार है.
5 दिसंबर को वोटिंग और 8 दिसंबर को मतगणना
मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha Seat) पर होने वाले उपचुनाव के लिए मतदान 5 दिसंबर को होगा और वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. मैनपुर लोकसभा सीट पिछले महीने समाजवादी पार्टी (SP) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद खाली हुई थी. बता दें कि इस सीट पर डिंपल यादव (Dimple Yadav) के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने रघुराज सिंह शाक्य (Raghuraj Singh Shakya) को उम्मीदवार बनाया है.
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