NIT Patna will shift to bihar new Bihta campus in July 2024 many certificate courses will start

0
51
NIT Patna will shift to bihar new Bihta campus in July 2024 many certificate courses will start
Advertisement

Advertisement
ऐप पर पढ़ें

एनआईटी पटना के बिहटा कैंपस में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। नया कैंपस अगले वर्ष अप्रैल तक तैयार हो जाने की उम्मीद है। जुलाई 2024 का सत्र नये कैंपस से संचालित होगा। इस परिसर का निर्माण इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कमीशनिंग (इपीसी) मोड में टर्नकी आधार पर किया जा रहा है। संस्थान के निदेशक प्रो. पीके जैन ने बताया कि एकेडमिक और प्रशासनिक भवन सहित तमाम कार्य एक साथ हो रहे हैं। कंपनी को 21 महीने में कार्य पूरा कर देना है। इसमें एसीआइएल द्वारा बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग (बीआईएम) के माध्यम से निर्माण में नयी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कैंपस में ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन प्रणाली एवं सतही वर्षाजल हार्वेस्टिंग तकनीक का भी प्रयोग किया जा रहा है। सभी भवनों पर सोलर पैनल लगाया जाना है।  

पहले चरण में 50 एकड़ भूमि पर होगा निर्माण 

नये कैंपस के लिए राज्य सरकार ने 125 एकड़ भूमि दी है। सभी भवनों का फाउंडेशन कार्य पूरा हो गया है। यह कैंपस लगभग 6500 छात्रों के लिए होगा। पहले चरण में 50 एकड़ भूमि पर निर्माण किया जा रहा है। यहां 2500 छात्रों के लिए पढ़ने व रहने की व्यवस्था होगी। 556 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त ईडब्ल्यूएस योजना के तहत 11000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 700 छात्रों की क्षमता के लिए हॉस्टल भी बनाया जाएगा। इसकी लागत 50 करोड़ रुपये होगी। बिहटा कैंपस का विस्तार तीन चरणों में होगा। 

सिविल व आर्किटेक्टर डिपार्टमेंट पटना में ही होगा संचालित

प्रो. पीके जैन ने कहा कि पटना का वर्तमान कैंपस भी एनआईटी के पास ही रहेगा। यहां सिविल व आर्किटेक्टर डिपार्टमेंट संचालित होता रहेगा। इसके अलावा तमाम तरह की सर्टिफिकेट कोर्स चलाया जाएगा। इसके साथ-साथ बीटेक में एडमिशन लेने वाले नये सत्र के छात्र भी इसी कैंपस में रहेंगे। बाकी सभी डिपार्टमेंट बिहटा कैंपस में जुलाई 2024 में शिफ्ट हो जाएगा। यहां विभिन्न विभाग के अलावा लाइब्रेरी एवं लैबोरेट्री भी बनायी जाएगी। 

ईकोफ्रेंडली होगा पूरा कैंपस

एनआईटी का बिहटा कैंपस ईकोफ्रेंडली होगा। बिहटा कैंपस के नोडल ऑफिसर प्रो. संजय कुमार ने इसका मॉडल तैयार किया है। उन्होंने बताया कि पूरा कैंपस ईकोफ्रेंडली होगा। इसे आधुनिक ब्रिज की तर्ज पर बनाया जा रहा है। प्री-स्ट्रेस की तकनीक का प्रयोग कर टुकड़ों में निर्माण होगा। इसका फायदा यह होगा कि इसमें समय की बचत होगी और बिल्डिंग का स्ट्रक्चर पतला होगा। जितने भी भवन बनाए जाएंगे सौ से डेढ़ सौ साल तक टिकाऊ होगा। कैंपस पूरी तरह से ग्रीन कैंपस के रूप में जाना जाएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होगी। सोलर पैनल का भी इंतजाम होगा। योजना है कि फिलहाल 30 प्रतिशत बिजली इससे बचाया जाएगा। इसके साथ ही निर्माण कार्य में नो वाटर डिस्चार्ज होगा। प्रो संजय ने बताया कि इसमें लोकल लेवल पर मौजूद मैटेरियल का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। 

    

Source link

Advertisement

Leave a Reply