Northeastern Railway Trains Schedule: पूर्वोत्तर रेलवे (एनई रेलवे) के लखनऊ और वाराणसी मण्डल की ट्रेनों की देरी के लिए गोरखपुर के कैंट और कुसम्ही स्टेशन जिम्मेदार हैं। दोनों मंडलों का क्रॉस ओवर होने और तीन तरफ से यहां रूट मिलने से यहां अक्सर ट्रेनें लेट हो जाती हैं। इसी के चलते वाराणसी और लखनऊ मण्डल की ट्रेनों की पंक्चुअल्टी औसत से कम है। पंक्चुअल्टी को लेकर रेलवे बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया तो इन दोनों स्टेशनों पर सहायक परिचालन प्रबंधक स्तर का अधिकारी तैनात किया गया है।
पंक्चुअल्टी में सबसे खराब स्थिति वाराणसी मण्डल की है। वाराणसी मण्डल की पंक्चुअल्टी 60 प्रतिशत है तो लखनऊ मण्डल की 78 प्रतिशत है। सबसे बेहतर 92 प्रतिशत पंक्चुअल्टी इज्जतनगर मण्डल की है। पूरे एनई रेलवे में औसत 73 पंक्चुअल्टी है। कैंट-कुसम्ही में ट्रेनों के लेट होने का उदाहरण क्लोन एक्सप्रेस है। बीते दिनों शाम चार बजे यह ट्रेन देवरिया पहुंच गई लेकिन इसे गोरखपुर पहुंचने में रात 9 बज गए। कैंट और कुसम्ही के एक तरफ लखनऊ और दूसरी तरफ वाराणसी मंडल शुरू हो जाता है। इस क्रॉस ओवर पर जिस रूट की ट्रेन लेट हुई, देरी उसी मंडल के खाते में दर्ज होती है।
कुसम्ही, कैंट में सहायक परिचालन प्रबंधक तैनात
औसत से कम पंक्चुअल्टी को लेकर हाल में रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने सख्ती बरती तो सभी जोन अलर्ट मोड में आ गए। लक्ष्य से 10 फीसदी नीचे चल रहे एनईआर ने भी पंक्चुअल्टी को ठीक करने के लिए कड़े उदम उठाए हैं। पंक्चुअल्टी की मॉनिटरिंग करते रहने और ट्रेनों का का संचलन सामान्य बनाए रखने के लिए कुसम्ही और कैंट स्टेशन पर सहायक परिचालन प्रबंधक स्तर के अधिकारी तैनात किए गए हैं। अभी ये तैनाती 21 सितंबर तक है। जरूरत पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
ट्रैक मरम्मत बड़ी वजह
वाराणसी मंडल में ट्रेनों के लेट होने कारण सिर्फ मॉनीटरिंग में कमी नही है। कैंट में एनआई खत्म होने के बाद भी अभी कई और सेक्शन में ब्लॉक चल रहा है जिसकी वजह से ट्रेनें नियंत्रित स्पीड से चलाई जा रही हैं।
तीनों मंडलों में ट्रेनों का हाल
वाराणसी ट्रेनों की औसत संख्या रोजाना 151 है, इनमें से रोजाना 55 से 60 ट्रेनें लेट रहती हैं।
इज्जतनगर रोजाना ट्रेनों की संख्या 35 से 37 है, इनमें महज 7 से 9 ट्रेनें ही लेट चल रही हैं।
लखनऊ रोजाना 164 ट्रेनें चलती हैं, इनमें से रोजाना औसतन 128 ट्रेनें राइट टाइम रहती हैं।