ओकिनावा ऑटोटेक (Okinawa Autotech) भारतीय इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में शुरुआती प्लेयर्स में से एक है। स्थापना के बाद से कंपनी ने 250,000वें इलेक्ट्रिक स्कूटर के उत्पादन के साथ एक नया माइलस्टोन हासिल किया है। कंपनी की 250,000वीं यूनिट्स राजस्थान में कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से ओकिनावा प्रेज प्रो थी। ओकिनावा देश में यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली और एकमात्र घरेलू ईवी कंपनी बन गई है। इसका टारगेट 2025 तक एक मिलियन यूनिट की उपलब्धि हासिल करना है।
ओकिनावा ऑटोटेक ने पहली बार 2015 में ऑपरेशन शुरू किया था। इसके बाद 8 साल बाद कंपनी ने 2.5 लाख प्रोडक्शन का माइलस्टोन हासिल किया है। निर्माता ने रिज इलेक्ट्रिक स्कूटर के साथ 2017 में मार्केट में एंट्री ली थी। इसके बाद निजी और कॉमर्शियल खरीदारों को टारगेट कर कंपनी ने अपने बेड़े का विस्तार किया। ओकिनावा का कहना है कि कंपनी के पास देश भर में 540 से ज्यादा 3S (बिक्री, सर्विस और पार्ट्स) टचप्वाइंट हैं, जो ईवी सेगमेंट में सबसे बड़े हैं।
2.5 लाख माइलस्टोन का रिजल्ट
ओकिनावा ऑटोटेक के एमडी और संस्थापक जीतेंद्र शर्मा ने प्रोडक्शन माइलस्टोन के बारे में बात करते हुए कहा कि 2.5 लाख माइलस्टोन हमारे मजबूत प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो की गुणवत्ता का एक रिजल्ट है। हमारा जोर भारत में इस सेगमेंट में बेस्ट प्रोडक्ट्स और एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को तेजी से अपनाने पर है। बहुत जल्द भारत में लॉन्च होने वाले नए प्रोडक्ट्स की एक मजबूत पाइपलाइन के साथ, हमारा लक्ष्य 2025 तक एक मिलियन माइलस्टोन की जादुई संख्या हासिल करना है।
25 मिलियन यूरो निवेश की योजना
ओकिनावा का यह भी दावा है कि सड़क पर उसके 2.5 लाख वाहनों ने लगभग ₹12.5 बिलियन के पेट्रोल को बचाने में मदद की है। साथ ही साथ 300.3 मिलियन किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड (30 किमी की औसत डेली ट्रैवल और 90 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल) की बचत की है। कंपनी ने हाल ही में यूरोप में एक नए अनुसंधान एवं विकास केंद्र के लिए टैसीटा के साथ अपने सहयोग की भी घोषणा की है। बता दें कि इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता अगले तीन सालों की अवधि में 25 मिलियन यूरो का निवेश करने की योजना बना रहा है।