विशेषज्ञों ने कहा कि पी-नोट्स के जरिये निवेश में तेजी मुख्य रूप से देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि से प्रेरित है.
नई दिल्ली: पिछले दो महीनों में भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश में तेजी देखी गई है. अप्रैल अंत में यह आंकड़ा बढ़कर 95,911 करोड़ रुपये हो गया.यह नवंबर, 2022 के बाद का उच्चस्तर है. उस समय पी-नोट्स के जरिये निवेश 96,292 करोड़ रुपये था.
सेबी के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बाजारों में पी-नोट्स के जरिये किए गए निवेश का मूल्य (इक्विटी, बॉन्ड और मिश्रित प्रतिभूतियां) मार्च के अंत में 88,600 करोड़ रुपये था और यह आंकड़ा अप्रैल के अंत में बढ़कर 95,911 करोड़ रुपये हो गया.
इससे पहले पी-नोट्स के जरिये निवेश फरवरी के अंत में 88,398 करोड़ रुपये और जनवरी के अंत में 91,469 करोड़ रुपये था.
सैसनलाइन के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रेय जैन ने कहा कि भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि के चलते पी-नोट्स के जरिये निवेश में वृद्धि हुई है.इस वजह से भारत एफपीआई निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया है.
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