पिता के समझाने पर भी नहीं लौटी श्रद्धा
वर्ष 2020 में बीमारी से श्रद्धा (Shraddha) की मां की मौत हो गई. इसके बाद उसके पिता ने श्रद्धा को वापस घर लौटने के लिए समझाया लेकिन वह तब भी नहीं मानी और मारपीट के बावजूद आफताब पूनावाला (Aftab Poonawalla) के साथ बनी रही. श्रद्धा के दोस्तों के जरिए पिता को बेटी के बारे में जानकारी मिलती रहती थी. कई दोस्त फेसबुक के जरिए श्रद्धा की गतिविधियां देखकर उसका हाल-चाल बताते रहते थे.
किसी अनहोनी की आशंका से डर गए थे पिता
एक दिन श्रद्धा के दोस्त ने उसके भाई को बताया कि 2 महीने से श्रद्धा का फोन बंद आ रहा है. जब यह बात श्रद्धा के पिता को पता चली तो उन्होंने खुद बेटी को कॉल करके उसका हालचाल लेना चाहा लेकिन दूसरी ओर से फोन स्विच ऑफ आया. इसके बाद किसी अनहोनी की आशंका के साथ वे पहले मुंबई के पुलिस स्टेशन में पहुंचे और बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दी.
शिकायत दर्ज होने के बाद उजागर हुआ मर्डर
मुंबई पुलिस ने कहा कि यह मामला दिल्ली का है. इसके बाद वे दिल्ली के मेहरौली थाने में पहुंचे और बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. जब पुलिस ने तफ्तीश शुरू की और आरोपी आफताब पूनावाला को पकड़ा, तब जाकर पता चला कि उसने कई दिनों पहले ही उसका मर्डर कर टुकड़े जंगलों में फेंक दिए थे.
गलत रास्ते के बावजूद बेटी को नहीं किया दूर
श्रद्धा (Shraddha) अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ, अपने पिता की मर्जी के खिलाफ आफताब के साथ रहने को गई थी. श्रद्धा ने अपने कथित प्यार की वजह से मां और बाप दोनों को छोड़ दिया था लेकिन एक पिता अपनी बेटी को कभी खुद से अलग नहीं कर पाया. अगर श्रद्धा के पिता उसका पता नहीं लगाते तो शायद श्रद्धा की मर्डर मिस्ट्री हमेशा के लिए मेहरौली के जंगलों में दफन होकर रह जाती और आरोपी फिर किसी ओर लड़की को फांसने के लिए प्लान बना रहा होता.
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