लखनऊ, समाजवादी पार्टी (एसपी) की विधायक Pooja Pal ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की। उन्होंने अपने पति राजू पाल की हत्या के मामले में न्याय मिलने का श्रेय सीएम योगी को दिया। Pooja Pal ने कहा कि उनके पति के हत्यारे अतीक अहमद को ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ के तहत खत्म किया गया। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जहां इसे राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनाया जा रहा है। विपक्षी दल की विधायक द्वारा सत्ताधारी नेता की प्रशंसा ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
पति की हत्या के मामले में मिला न्याय
Pooja Pal , जो इलाहाबाद (प्रयागराज) की विधायक हैं, ने विधानसभा सत्र के दौरान भावुक होकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत समाप्त किया गया। मुख्यमंत्री ने तब मेरी बात सुनी जब किसी ने नहीं सुनी। उन्होंने प्रयागराज में मेरे जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया और अपराधियों को सजा दी। आज पूरा राज्य मुख्यमंत्री की ओर विश्वास से देखता है।” यह बयान सीधे तौर पर योगी सरकार की अपराध-विरोधी नीतियों की सराहना करता है, जो राज्य में माफिया और गुंडागर्दी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए जानी जाती है।
अतीक अहमद का मामला: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि
अतीक अहमद, पूर्व सांसद और गैंगस्टर, पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। 2005 में पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या का आरोप उन पर लगा था। अप्रैल 2023 में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे मेडिकल जांच के लिए जा रहे थे।
इस घटना को योगी सरकार की ‘एनकाउंटर पॉलिसी’ से जोड़ा गया, हालांकि सरकार इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बताती है। पूजा पाल का बयान इस घटना को ‘न्याय’ के रूप में चित्रित करता है, जो विपक्षी दलों के लिए असहज हो सकता है। अतीक अहमद के खिलाफ 100 से अधिक मुकदमे थे, और उनकी मौत के बाद प्रयागराज में अपराध दर में कमी आई है।
योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी की सराहना
Pooja Pal ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री की नीतियों ने राज्य को बदल दिया है। “प्रयागराज में महिलाओं को न्याय मिला है, अपराधी दंडित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने मेरी बात सुनी और कार्रवाई की।” यह बयान योगी सरकार की ‘बुलडोजर पॉलिसी’ और माफिया-विरोधी अभियान को मजबूती प्रदान करता है।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि 2017 से अब तक 10,000 से अधिक अपराधी गिरफ्तार या मारे गए हैं, और अपराध दर में 70% की कमी आई है। Pooja Palका यह कथन विपक्षी विधायक होते हुए भी सत्ताधारी दल के लिए एक बड़ा समर्थन माना जा रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और सोशल मीडिया पर हलचल
इस बयान के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर #YogiAdityanath और #ZeroTolerance ट्रेंड करने लगे। कई यूजर्स ने Pooja Palकी हिम्मत की तारीफ की, जबकि कुछ ने इसे एसपी में असंतोष का संकेत बताया।
एक यूजर ने लिखा, “विपक्षी विधायक द्वारा योगी की तारीफ – यह दिखाता है कि न्याय की राजनीति से ऊपर है।” वहीं, एसपी नेता अखिलेश यादव की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह ‘अनुशासनहीनता’ माना जा सकता है।
भाजपा नेताओं ने इसे सरकार की सफलता का प्रमाण बताया। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक्स पर पोस्ट किया, “यह योगी जी की नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।”
विधानसभा सत्र का संदर्भ
यह घटना उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान हुई, जहां विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो रही थी।Pooja Pal का बयान अपराध नियंत्रण पर बहस के दौरान आया। सत्र में विपक्ष ने सरकार पर ‘फर्जी एनकाउंटर’ के आरोप लगाए थे, लेकिन पूजा पाल के कथन ने बहस को नया मोड़ दे दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान एसपी में आंतरिक कलह को उजागर करता है, खासकर जब पार्टी अपराधियों से दूरी बनाने की कोशिश कर रही है। पूजा पाल खुद 2005 में पति की हत्या के बाद राजनीति में आईं और बहुजन समाज पार्टी से एसपी में शामिल हुईं।
प्रयागराज में बदलाव और महिलाओं का सशक्तिकरण
Pooja Pal ने प्रयागराज में महिलाओं के लिए न्याय की बात की, जो योगी सरकार की महिला सशक्तिकरण योजनाओं से जुड़ती है। राज्य में ‘मिशन शक्ति’ और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसी स्कीम्स चल रही हैं।
अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई ने महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढ़ाई है। एनसीआरबी डेटा के अनुसार, उत्तर प्रदेश में महिला अपराधों में 20% की कमी आई है। पूजा पाल का अनुभव कई महिलाओं की कहानी का प्रतिनिधित्व करता है, जो अपराधियों से पीड़ित रहीं।
भविष्य की राजनीतिक संभावनाएं
यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बना सकती है। क्या Pooja Pal एसपी छोड़कर भाजपा में शामिल होंगी? यह सवाल उठ रहा है। योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इसकी सराहना की, लेकिन कोई टिप्पणी नहीं की।
विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे बयान विपक्ष को कमजोर करते हैं और सत्ता पक्ष को मजबूत। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यह खबर राज्य में कानून व्यवस्था की बहस को तेज करेगी।
Pooja Pal का बयान न केवल व्यक्तिगत न्याय की कहानी है, बल्कि उत्तर प्रदेश की बदलती राजनीतिक तस्वीर का प्रतीक भी। योगी सरकार की नीतियां अब विपक्षी खेमे में भी सराही जा रही हैं, जो 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।