Supreme Court का फैसला, कर्मचारी के आवागमन के दौरान दुर्घटना पर मुआवजा संभव

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Supreme Court ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि कर्मचारियों के काम पर आने-जाने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 के तहत माना जा सकता है। इसका मतलब है कि ऐसी दुर्घटनाओं में कर्मचारी और उनके परिवार मुआवजे के हकदार हो सकते हैं, बशर्ते दुर्घटना और उनके रोजगार के बीच स्पष्ट संबंध स्थापित किया जा सके।

Supreme Court का यह निर्णय एक चीनी कारखाने में चौकीदार शाहू संपतराव जाधवर के मामले में आया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 में उल्लिखित “रोजगार के दौरान और उससे उत्पन्न होने वाली दुर्घटना का दायरा आवागमन के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं तक विस्तारित है।

यह फैसला कर्मचारी संरक्षण और सामाजिक कल्याण के दायरे को व्यापक करता है, यह मानते हुए कि काम पर आने-जाने के दौरान होने वाली दुर्घटनाएं रोजगार से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित हो सकती हैं।

Supreme Court का यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि आवागमन के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं में भी उन्हें और उनके परिवार को वित्तीय सहायता मिल सकती है।

यह नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए रोजगार से जुड़े जोखिमों को बेहतर ढंग से समझने और प्रबंधित करने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है।