SVB Crisis Indian Startups May Have Deposited About 1 Billion In SVB Said State Minister For Technology Rajeev Chandrasekhar

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SVB Crisis Indian Startups May Have Deposited About 1 Billion In SVB Said State Minister For Technology Rajeev Chandrasekhar
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Silicon Valley Bank Crisis: सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के डूबने के बाद से ही अमेरिका समेत दुनियाभर की स्टार्टअप कंपनियों में अफरातफरी का माहौल है. भारत में भी इसका असर दिख रहा है. आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने यह अनुमान जताया है कि बड़ी संख्या में देश की स्टार्टअप कंपनियों के पैसे सिलिकॉन वैली बैंक में जमा थे. उनका कहना है कि यह आंकड़ा 1 अरब डॉलर के करीब हो सकता है. ऐसे में स्टार्टअप को बचाने के लिए भारतीय बैंकों को इन कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा क्रेडिट लाइन देना चाहिए.

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राजीव चंद्रशेखर ने कही ये अहम बात

ट्विटर के चैटरबॉक्स पर इस मुद्दे के बारे में बातचीत करते हुए प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम को बदलने की जरूरत है जिससे स्टार्टअप कंपनियां अमेरिकी बैंकों के बजाय भारतीय बैंकों पर विश्वास जताए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देशभर की सड़कों स्टार्टअप कंपनियों के 1 अरब डॉलर से ज्यादा की राशि सिलिकॉन वैली बैंक (SVB Crisis) में जमा है. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक हफ्ते में हमने 460 ऐसे लोगों से मुलाकात की है जो इस बैंकिंग संकट से प्रभावित हुए हैं.

इस सभी लोगों की मांगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Finance Minister Nirmala Sitharaman) तक पहुंचा दिया गया है. इसके साथ राज्यमंत्री ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री को दिए गए सुझावों में से एक का हवाला देते हुए राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय बैंक सिलिकॉन वैली बैंक में पैसा रखने वाले स्टार्टअप्स को क्रेडिट लाइन की सुविधा दे सकते हैं.

10 मार्च को SVB को कर दिया गया था बंद

गौरतलब है कि सिलिकॉन वैली बैंक मुख्य रूप से स्टार्टअप कंपनियों को लोन देने का काम करता है. इसके साथ ही कई टेक कंपनियां इस बैंक में अपने पैसे डिपॉजिट करती है. दिसंबर, 2022 तक सिलिकॉन वैली बैंक कुल 209 अरब डॉलर जमा थे. यह अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है. पिछले कुछ महीनों से टेक कंपनियों के खराब प्रदर्शन के कारण बैंक पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है. बैंक की डूबने की खबरों के बीच निवेशकों ने केवल एक दिन में 42 अरब डॉलर की निकासी बैंक से कर ली थी. इसका कारण बैंक में फंड की कमी होने लगी. ऐसे में 10 मार्च को रेगुलेटर्स द्वारा बैंक को जब्त कर लिया गया था.

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