बुजुर्ग लोगों के बीच में दिखी चिंता
कुछ लोगों ने कहा कि बैंकों ने नोट बदलने की जगह उन्हें खातों में जमा करने का दबाव बनाया और उनसे पहचान पत्र भी मांगा, जबकि मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. वाणिज्यिक बैंकों की शाखाओं पर हालांकि सुबह ज्यादा भीड़ नहीं थी, लेकिन बाद में कतारें दिखाई देने लगीं. इस दौरान बुजुर्ग लोगों के बीच खासतौर से चिंता देखने को मिली. कई ग्राहकों ने इस प्रक्रिया को लेकर असंतोष भी जताया.
2000 रुपये के नोट बढ़ाने
रिजर्व बैंक ने गत शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा था कि ऊंचे मूल्य के ये नोट 23 मई से 30 सितंबर तक बैंकों में जाकर जमा किए जा सकते हैं या उन्हें बदलकर कम मूल्य के नोट भी लिए जा सकते हैं. इसके लिए रिजर्व बैंक ने पहचानपत्र दिखाने या जमा फॉर्म भरने की जरूरत से भी इनकार किया है.
ग्राहकों से नाम और मोबाइल नंबर एंटर करने को कहा
इसके बावजूद कुछ बैंकों ने इलेक्ट्रॉनिक विवरण दर्ज करने के बाद ही नोट बदले जबकि कुछ बैंकों में ग्राहकों से अपना नाम और मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में दर्ज करने को कहा गया. वहीं, कुछ जगहों पर ग्राहकों ने पैन या आधार कार्ड की मांग रखने की शिकायत भी की.
दिल्ली की गर्मी में लोगों को हो रही परेशानी
दिल्ली में भीषण गर्मी ने स्थिति को और खराब कर दिया. खासतौर से बुजुर्गों को परेशानी हुई और उन्होंने बैंक शाखाओं में लंबा इंतजार करने की शिकायत की. हालांकि, नवंबर-2016 में 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के बाद बैंकों के बाहर मची अफरातफरी जैसी स्थिति इस बार नहीं देखने को मिली, लेकिन सभी बैंकों में नोट बदलने से जुड़े प्रावधानों को लेकर एकरूपता नहीं होने से असमंजस जरूर रहा.
SBI ग्राहकों को नहीं भरना होगा कोई फॉर्म
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अपनी शाखाओं को भेजी गई आधिकारिक सूचना में कहा है कि 2,000 रुपये के नोट जमा या बदलते समय किसी भी फॉर्म या पर्ची को भरने की जरूरत नहीं होगी. वहीं, कोटक महिंद्रा और एचएसबीसी जैसे निजी बैंकों ने कहा कि वे गैर-खाताधारकों से फॉर्म भरने या पहचानपत्र देने को कह रहे हैं, लेकिन एक्सिस बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, यस बैंक, केनरा बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने किसी भी तरह के फॉर्म या पहचानपत्र की मांग नहीं की.
ग्राहकों को फॉर्म फिल करने को कहा
बैंक ऑफ बड़ौदा गैर-खाताधारकों से पहचानपत्र मांग रहा है जबकि आईसीआईसी बैंक (ICICI Bank) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने सभी ग्राहकों से फॉर्म भरने को कहा है. सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नोट बदलने के लिए चार महीने की मोहलत होने से अधिक भीड़भाड़ नहीं देखने को मिली. वहीं, नोट को जमा करने की कवायद सामान्य गति से चलती रही.