These 6 companies red signal from SEBI will not be able to bring IPO OYO is also included in list | इन 6 कंपनियों को नहीं मिला सेबी के तरफ से ग्रीन सिग्नल, नहीं ला सकेंगे आईपीओ; लिस्ट में OYO भी शामिल

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These 6 companies red signal from SEBI will not be able to bring IPO OYO is also included in list | इन 6 कंपनियों को नहीं मिला सेबी के तरफ से ग्रीन सिग्नल, नहीं ला सकेंगे आईपीओ; लिस्ट में OYO भी शामिल
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Photo:FILE इन 6 कंपनियों को नहीं मिला सेबी के तरफ से ग्रीन सिग्नल

SEBI IPO News: पेटीएम के आईपीओ की असफलता के बाद बाजार नियामक सेबी ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) को मंजूरी देते वक्त सतर्कता बरतना शुरू कर दिया है। सेबी ने दो महीनों में होटल चेन कंपनी OYO का संचालन करने वाली ओरावेल स्टेज सहित छह कंपनियों की विवरण पुस्तिका को वापस कर दिया है। इन कंपनियों को कुछ संशोधनों के साथ अपनी विवरण पुस्तिका (रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस- डीआरएचपी) को फिर से दाखिल करने को कहा गया है। बता दें कि किसी भी कंपनी को आईपीओ लाने से पहले बाजार नियामक सेबी से मंजूरी लेना आवश्यक होता है, जब तक सेबी मंजूरी नहीं देता है कोई भी कंपनी आईपीओ नहीं ला सकती है।

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इन कंपनियों के कैंसिल हुए आईपीओ

ओयो के अलावा जिन कंपनियों के प्रस्तावों को नियामक ने वापस किया है, उनमें गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड, कनाडा स्थित फेयरफैक्स ग्रुप समर्थित एक फर्म, घरेलू मोबाइल विनिर्माता लावा इंटरनेशनल, बी2बी (कंपनियों के बीच) भुगतान और सेवा प्रदाता पेमेट इंडिया, फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक इंडिया और एकीकृत सेवा कंपनी बीवीजी इंडिया शामिल हैं। सेबी के आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी मिली। इन छह कंपनियों ने सितंबर 2021 और मई 2022 के बीच सेबी के पास आईपीओ के कागजात दाखिल किए थे और जनवरी-मार्च (10 मार्च तक) के दौरान उनके कागजात वापस कर दिए गए थे। ये कंपनियां मिलकर कम से कम 12,500 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही थीं। 

इस वजह से सेबी हुआ सख्त

कुछ बेहद चर्चित आईपीओ में निवेशकों के पैसे गंवाने के बाद सेबी निर्गम को लेकर सख्त हो गया है। प्राइमडेटाबेस डॉट कॉम के आंकड़ों के अनुसार बाजार नियामक ने 2022 में आईपीओ को मंजूरी देने में औसतन 115 दिन का समय लिया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”पेटीएम, जोमैटो और नायका जैसी नये जमाने की डिजिटल कंपनियों के सूचीबद्ध होने के बाद निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। इसके चलते सेबी ने आईपीओ के लिए मंजूरी मानदंडों को कड़ा कर दिया है। निवेशकों के हित में यह स्वागत योग्य फैसला है।”

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