Trump Tariff War युद्ध से निपटने के लिए एशिया-यूरोप का मजबूत गठबंधन जरूरी: TIOL टैक्स कांग्रेस में विशेषज्ञों की चेतावनी

Trump Tariff War

नई दिल्ली, दुनिया की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मचा रहे ट्रंप के टैरिफ युद्ध (Trump Tariff War) ने वैश्विक व्यापार को हिला दिया है। ऐसे में भारत जैसे उभरते देशों के लिए क्या रास्ता बचे? इसी सवाल पर चर्चा का केंद्र बनी TIOL टैक्स कांग्रेस, जहां बड़े-बड़े अर्थशास्त्री और नीति निर्माता इकट्ठा हुए। यहां लॉर्ड निकोलस स्टर्न, एन.के. सिंह और शंकर आचार्य जैसे दिग्गजों ने एशिया-यूरोप सहयोग (Asia-Europe Cooperation) की वकालत की। ये लोग मानते हैं कि अमेरिका की नीतियां अस्थिर हैं, तो हमें मजबूत साझेदारी बनानी होगी।

इस ब्लॉग में हम इस इवेंट की पूरी कहानी बताएंगे – क्या हुआ, किसने क्या कहा, और ये सब भारत के लिए क्यों मायने रखता है। आसान भाषा में समझाते हैं, ताकि आप बिना सिर खराब किए पढ़ सकें। चलिए, शुरू करते हैं!

Trump Tariff War : TIOL टैक्स कांग्रेस: आर्थिक मुद्दों पर बड़ा मंच

दिल्ली के ताज पैलेस में धूमधाम से हुआ आयोजन

दिल्ली का ताज पैलेस होटल – जहां लग्जरी और चर्चाओं का मेला लगा। TIOL टैक्स कांग्रेस, जो टैक्स, फाइनेंस और इकोनॉमी (Tax Finance Economy) पर गंभीर बातें करने का मशहूर प्लेटफॉर्म है, यहां 25 साल की सिल्वर जुबली मना रही थी। 15वें फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन एन.के. सिंह ने खुद इसकी मेजबानी की।

कांग्रेस में वैश्विक चुनौतियों पर फोकस था। खासकर ट्रंप प्रशासन के Tariff War हमलों ने कैसे दुनिया के व्यापार को बिगाड़ा, ये टॉपिक रहा। विशेषज्ञों का कहना था कि अमेरिका की ये नीतियां अस्थायी लगती हैं, लेकिन असर लंबा चलेगा। भारत को अब एशिया और यूरोप के साथ हाथ मिलाना होगा, ताकि वैश्विक व्यापार व्यवस्था (Global Trade System) को बचाया जा सके।

ये इवेंट सिर्फ बातें नहीं, बल्कि एक्शन प्लान पर जोर देता है। एन.के. सिंह ने पूछा, “अमेरिका की अस्थिरता से भारत कैसे बचे?” जवाब में सबने एक सुर में कहा – सहयोग! ये सुनने लायक था।

पैनल डिस्कशन: Trump Tariff War पर गर्मागर्म बहस

लॉर्ड निकोलस स्टर्न की सलाह – भारत, यूके के करीब आएं

पैनल में लॉर्ड निकोलस स्टर्न – वो ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिन्हें जलवायु परिवर्तन और इकोनॉमिक पॉलिसी (Economic Policy) का बादशाह कहा जाता है। उन्होंने साफ कहा, “भारत को अगले 20 सालों के लिए फाइनेंशियल स्ट्रेंथ (Financial Strength) बनानी होगी। यूके और यूरोप के साथ टाइट पार्टनरशिप जरूरी है। Trump Tariff War से आने वाले खतरे का मुकाबला यहीं से होगा।”

स्टर्न ने भारत के साथ अपने पुराने रिश्तों का जिक्र किया। बोले, “मैं भारत को जानता हूं, यहां की ग्रोथ पोटेंशियल कमाल की है। लेकिन अगले दो दशक में महामारी जैसी नई चुनौतियां आ सकती हैं। इसके लिए तैयार रहो!” उनकी ये बातें सुनकर ऑडियंस ने तालियां बजाईं।

एन.के. सिंह और शंकर आचार्य की सहमति – पुराने नियमों पर लौटें

एन.के. सिंह, जो फाइनेंस कमीशन के हेड हैं, ने स्टर्न से पूरी तरह सहमत होते हुए कहा, “एशिया-यूरोप का ये गठबंधन न सिर्फ अमेरिका की अस्थिरता से बचाव करेगा, बल्कि ग्लोबल ट्रेड को नया शेप देगा।” सिंह ने ट्रेडिशनल फाइनेंशियल रूल्स (Traditional Financial Rules) पर जोर दिया – मतलब, पुराने सिद्धांतों को न छोड़ें।

फिर बोले डॉ. शंकर आचार्य – भारत के सबसे लंबे समय तक चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (Chief Economic Advisor)। उन्होंने हंसते हुए कहा, “दुनिया अस्थिरताओं से भरी पड़ी है। ट्रंप ने MFN सिस्टम (Most Favored Nation System) के सारे नियम तोड़ दिए। कोई नहीं जानता इसे कैसे ठीक करेंगे। लेकिन हम FTAs (Free Trade Agreements) जैसे ज्यादा ट्रेड डील्स कर सकते हैं।” आचार्य की ये सादगी भरी बात ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया।

ये पैनल डिस्कशन करीब एक घंटे चला। हर स्पीकर ने डेटा और उदाहरण दिए – जैसे कैसे ट्रंप के Tariff War ने चाइना और यूरोप को पहले ही नुकसान पहुंचाया। भारत के लिए ये सीख थी कि अकेले नहीं, टीमवर्क से लड़ना होगा।

मुख्य अतिथि का संदेश: स्थिर टैक्स पॉलिसी से बूस्ट मिलेगा बिजनेस को

पूर्व CJI संजीव खन्ना – मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दें

पुरस्कार समारोह के बाद स्टेज पर आए पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना। उन्होंने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (Ease of Doing Business) पर फोकस किया। बोले, “भारत के पास ग्रोथ के सारे टूल्स हैं। लेकिन सर्विस सेक्टर पर ज्यादा निर्भर न रहें। मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing Boost) को बढ़ाना होगा। इसके लिए स्टेबल टैक्स पॉलिसीज (Stable Tax Policies) जरूरी हैं।”

खन्ना ने समझाया, “स्थिर टैक्स से बिजनेस आसान होता है, डिस्प्यूट्स जल्दी सॉल्व होते हैं, और इनवेस्टर्स का कॉन्फिडेंस बढ़ता है।” उनकी ये बातें जज की बजाय एक बिजनेसमैन की लगीं – इतनी प्रैक्टिकल! भारत को अगर 5 ट्रिलियन इकोनॉमी (5 Trillion Economy) बननी है, तो ये स्टेप्स मिस नहीं कर सकते।

Trump Tariff War : अन्य सेशन्स: AI, GST और सिल्वर जुबली का जश्न

IT मंत्री और CBDT मेंबर की बातें – AI टूल बनेगा, लेकिन एक्सपर्ट्स जरूरी

टेक्निकल सेशन्स में IT और डिजिटल सर्विसेज मिनिस्टर डॉ. पी. थियागराजन ने TIOL को 25 साल की बधाई दी। बोले, “भारत में स्टार्टअप शुरू करना मुश्किल है, 25 साल टिकना और भी टफ। शैलेंद्र कुमार की लीडरशिप कमाल की है।”

फिर CBDT के मेंबर संजय बहादुर ने AI (Artificial Intelligence in Tax) पर बोला। कहा, “AI सबको आसान बनाएगा, लेकिन एक्सपर्ट्स और प्रोफेशनल्स की जरूरत कभी खत्म नहीं होगी।” ये सुनकर टैक्स प्रोफेशनल्स ने राहत की सांस ली।

GST नेटवर्क के CEO एम.के. सिन्हा ने GST इंफ्रास्ट्रक्चर (GST Infrastructure) पर बात की। आश्वासन दिया, “हम लगातार अपडेट हो रहे हैं। मार्केट और सिटिजन्स की फीडबैक से सुधार करेंगे।” ये बातें छोटे बिजनेसमैनों के लिए गुड न्यूज थीं।

किताब लॉन्च: 60 इंटैक्सिकेटिंग टेल्स

सिल्वर जुबली पर ‘The COB (Web) Turns Twenty: 60 Tales of Intaxicating Tales’ किताब रिलीज हुई। इसे लिखा TIOL के चेयरमैन शैलेंद्र कुमार ने। ये टैक्स वर्ल्ड की 60 मजेदार और सीरियस स्टोरीज का कलेक्शन है। लॉन्च पर कुमार बोले, “ये कांग्रेस टैक्स, फाइनेंस और पॉलिसी (Tax Finance Policy) के बड़े नामों को लाई। आम आदमी के लाइफ को प्रभावित करने वाले इश्यूज पर डिबेट हुई।”

भारत के लिए ये सब क्या मायने रखता है?

TIOL टैक्स कांग्रेस ने साबित कर दिया कि बातें सिर्फ मीटिंग रूम तक सीमित नहीं। ट्रंप टैरिफ युद्ध (Trump Tariff War Impact) से निपटने के लिए एशिया-यूरोप कोऑपरेशन (Asia-Europe Cooperation Strategies) जैसी सलाहें रियल वर्ल्ड चेंज ला सकती हैं। स्थिर टैक्स पॉलिसीज (Stable Tax Policies India) से मैन्युफैक्चरिंग बूस्ट (Manufacturing Growth India) मिलेगा, और AI-GST जैसे टूल्स से बिजनेस आसान होगा।

अगर आप टैक्स प्रोफेशनल, बिजनेसमैन या सिर्फ न्यूज फॉलोअर हैं, तो ये इवेंट मिस न करें अगली बार। TIOL अगले साल नए टॉपिक्स और ग्लोबल फेस के साथ लौटेगा। भारत की 5 ट्रिलियन इकोनॉमी ड्रीम (India 5 Trillion Economy) को साकार करने के लिए ये डिस्कशन्स गोल्डन हैं। आप क्या सोचते हैं? कमेंट्स में बताएं!