यूआईडीएआई ने सभी राज्यों से इस बारे में अपील की है। अगर आधार कार्ड को पहचान पत्र या फिर पता के दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया जा रहा हो वहां ये जरूर सुनिश्चित किया जाए कि आधार नंबर का सत्यापन किया गया हो। आधार पर मौजूद बार कोड को स्कैन करके सत्यापन किया जा सकता है।
कैसे होता है फर्जीवाड़ा
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुताबिक, इससे आधार का फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा। ‘हिन्दुस्तान’ को यूआईडीएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि ज्यादातर फर्जीवाड़ा फोटोशॉप के जरिए किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति ने अपने आधार की कॉपी किसी रेस्तरां या कहीं और दी है तो फर्जीवाड़ा करने वाले लोग ऐसे ही दस्तावेजों पर अपनी फोटो रखकर फोटोकॉपी कर लेते हैं। या फोटोशॉप के इस्तेमाल से किसी दूसरे के आधारकार्ड पर अपनी फोटो लगा लेते हैं। फिर इसके जरिए अपने गलत मंसूबों को अंजाम देते हैं।
दस्तावेज के तौर पर स्वीकार करने के दौरान अगर आधार का सत्यापन नहीं किया जाता है तो गड़बड़ी होने की आशंका रहती है। यूआईडीएआई के मुताबिक, हर 12 अंकों का नंबर आधार ही नहीं होता। ऐसे में सभी संस्थान अगर आधार को सत्यापित करना शुरू कर देंगे तो इससे व्यवस्था में व्यक्ति की सही पहचान ही दर्ज होगी और इसके गलत इस्तेमाल पर रोक लग सकेगी।