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उत्तराखंड बोर्ड रिजल्ट जारी करते अधिकारी
– फोटो : अमर उजाला

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हिंदी को हल्के में लेना हजारों बोर्ड परीक्षार्थियों को भारी पड़ गया। हाईस्कूल-इंटर में कुल 9699 बच्चे हिंदी विषय में फेल हो गए। इनमें हाईस्कूल में 3263 छात्र और 1721 छात्राएं और इंटरमीडिएट में 2923 छात्र और 1792 छात्राएं हैं।

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विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदी विषय के प्रति छात्रों की रुचि कम हो गई है। आम बोलचाल और राजभाषा होने के कारण हिंदी विषय को गंभीरता से नहीं लेते हैं। पर हिंदी विषय में पास होना अनिवार्य है। यदि कोई छात्र हिंदी में पास नहीं हुआ और अन्य सभी विषयों में पास हो गया तो उसे फेल ही माना जाता है। हिंदी में 33 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। इस विषय में ग्रेस भी नहीं मिलता है।

इस साल हाईस्कूल में हिंदी विषय में 1,26,192 छात्रों ने परीक्षा दी थी जिनमें 124208 छात्र पास हुए जबकि 4984 छात्र फेल हो गए। इंटरमीडिएट में 123009 छात्रों ने परीक्षा दी थी। इनमें 118294 पास हुए और 4715 परीक्षार्थी फेल हो गए। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में हिंदी विषय में 6186 छात्र और 3513 छात्राएं फेल हुई।

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