क्या अमेरिका और रूस के बीच जारी प्रतिद्वंद्विता के बीच यूक्रेन युद्ध का मैदान बनेगा? दोनों देशों के बयानों और तेवरों को देखते हुए यह आशंका जताई जाने लगी है। एक तरफ रूस ने अमेरिका को यूक्रेन के मसले पर ज्यादा दखल न देने की चेतावनी दी है तो वहीं अमेरिका ने इस यूरोपीय देश में जंगी हथियारों की खेप भेजना शुरू कर दिया है। यही नहीं अमेरिका की ओर से एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर लोगों से यूक्रेन न जाने की अपील की गई है। इसमें कहा गया है कि रूस की ओर से यहां मिलिट्री एक्शन का खतरा है। ऐसे में यूक्रेन जाने से बचें।
यूक्रेन स्थित अमेरिकी दूतावास ने ट्रैवल एडवाइजरी में कहा, ‘यूक्रेन न जाएं क्योंकि रूस की सैन्य कार्रवाई और कोरोना का खतरा है। अपराध और अशांति के चलते भी यहां आने से बचें। क्रीमिया, दोनेत्सक और लुहांसक में न जाएं।’ अमेरिका ने यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित अपने दूतावास के कर्मचारियों के परिवारों को भी लौट जाने को कहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस और क्रीमिया के दूतावासों से राजनयिकों के परिवार के लोग चले जाएं। रूस की ओर से सैन्य कार्रवाई का खतरा है। खासतौर पर रूस के नियंत्रण वाले पूर्वी यूक्रेन में हालात चिंताजनक हैं।
The first shipment of assistance recently directed by President Biden to Ukraine arrived in Ukraine tonight. This shipment includes close to
200,000 pounds of lethal aid, including ammunition for the front line defenders of Ukraine. [1/2] pic.twitter.com/YeYanK0Px6— U.S. Embassy Kyiv (@USEmbassyKyiv) January 22, 2022
यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव किस हद तक बढ़ सकता है, इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जंगी हथियारों की खेप भेजना अमेरिका ने शुरू कर दिया है। अमेरिकी दूतावास ने बताया कि 2 लाख पाउंड की मदद भेजी गई है। इसमें जंगी हथियार भी शामिल हैं, जो मोर्चे पर तैनात यूक्रेन के सैनिकों को दिए जाएंगे।
अमेरिकी दूतावास ने कहा कि 2014 से अब तक हमारी तरफ से यूक्रेन को 2.7 अरब डॉलर की मदद दी जा चुकी है ताकि वह रूस की आक्रामक रणनीति का सामना कर सके। अमेरिकी दूतावास ने एक तस्वीर भी ट्वीट की है, जिसमें बड़ी संख्या में कंटेनर उतर रहे हैं।