प्रदेश के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने शनिवार को यह जानकारी दी। अब तक 163061 किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है। खाद्य आयुक्त ने बताया कि मोटे अनाजों के अन्तर्गत प्रदेश में मक्का, बाजरा और ज्वार खरीद हेतु मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2090 रूपये प्रति कुन्तल, बाजरा का 2500 रूपये प्रति कुन्तल, ज्वार (हाईब्रिड) 3180 रूपये प्रति कुन्तल, ज्वार (मालदण्डी) 3225 रूपये प्रति कुन्तल तथा कोदो का समर्थन मूल्य 3,846 रूपये प्रति कुन्तल की निर्धारित दर से खरीद की जायेगी। मक्का, बाजरा एवं ज्वार की खरीद 01 अक्टूबर, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक होगी।
29 मक्का उत्पादक जिलों में होगी खरीद
मक्का उत्पादक 29 जिलों-बुलन्दशहर, हापुड, सहारनपुर, बदायूं, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, सीतापुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, औरेया, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, बलिया, जौनपुर देवरिया, मिर्जापुर, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़ एवं ललितपुर में मक्का की खरीद किया जाना प्रस्तावित है।
40 जिलों में बाजरा की खरीद
उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्य बाजरा उत्पादक 40 जनपदों में बुलन्दशहर, गौतमबुद्ध नगर, बरेली, बदायूँ, शाहजहाँपुर, मुरादाबाद, रामपुर, सम्भल, अमरोहा, अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस, आगरा, मथुरा मैनपुरी, फिरोजाबाद, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चन्दौली, बलिया, मिर्जापुर, सन्तरविदास नगर, जालौन, चित्रकूट, बाँदा, प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर एवं प्रतापगढ़ में बाजरा की खरीद किया जाना प्रस्तावित है।
22 जिलों ज्वार की खरीद
इसके अलावा प्रदेश में प्रथम बार मुख्य ज्वार उत्पादक 22 जनपदों यथा-बाँदा चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, कानपुर नगर, कानपुर देहात, प्रयागराज, फतेहपुर, कौशाम्बी प्रतापगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, सुल्तानपुर, अमेठी, मिर्जापुर, जालौन, अयोध्या एवं वाराणसी में ज्वार की खरीद की जायेगी।
उन्होंने बताया कि आगामी खरीद सीजन में मोटे अनाज एवं मिलेट्स के साथ-साथ माइनर मिलेट्स (कोदो) की खरीद जनपद सोनभद्र में प्रस्तावित है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में रागी का समर्थन मूल्य रुपए 3846.00 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। मोटे अनाज की बिक्री हेतु ऑनलाइन कृषक पंजीकरण 01 अगस्त, 2023 से प्रारम्भ किया गया है और अब तक 2092 किसानों द्वारा पंजीकरण कराया जा चुका है।