न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने याचिकाकर्ता तनु चौधरी और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। याची के वरष्ठि अधिवक्ता विजय गौतम एवं अतप्रियि गौतम ने दलील दी कि परीक्षा संपन्न कराने वाली संस्था को पहले से ही मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में काली सूची में डाला गया है। उन्होंने कहा कि इसी संस्था ने पहले भी वर्ष 2016-17 में दरोगा, नागरिक पुलिस की परीक्षा संपन्न कराई थी। इस परीक्षा के चयन में भी अनियमितताएं पाई गई थी। जांच के बाद संस्था के ऊपर लगाए गए अनियमितताओं के आरोप सही पाए गए थे।
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अधिवक्ताओं का कहना था कि संस्था के ऊपर लगे इतने गंभीर आरोपों के बावजूद राज्य सरकार ने इसी संस्था को दरोगा भर्ती 2020- 21 की परीक्षा संपन्न कराने का अनुबंध कर दिया। न्यायालय से इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की गई है।