उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण मौजूदा शैक्षिक सत्र (2020-21) में नए पैटर्न पर कराई जाने वाली अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को अंक सुधार का भी मौका दिया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा है कि ऐसे छात्र जो नई व्यवस्था से होने वाली परीक्षा के परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें वर्ष 2022 में होने वाली बैकपेपर परीक्षा या सत्र 2022-23 की वार्षिक या सेमेस्टर परीक्षा में सभी विषयों या किसी भी विषय में शामिल होकर अपने अंकों में सुधार करने का मौका दिया जाएगा।
कोरोना संक्रमित छात्रों के लिए होगी विशेष परीक्षा
शासन ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों से अपनी विद्या परिषद, कार्य परिषद या सक्षम प्राधिकारी के स्तर से परीक्षा संबंधी मार्गदर्शी दिशा-निर्देशों पर विचार कर निर्णय लेने को कहा है। साथ ही 18 जून तक परीक्षा कार्यक्रम के साथ पूरी कार्य योजना मांगी है। विश्वविद्यालयों की स्वायतत्ता को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा परिषद के माध्यम से यह अपेक्षा की गई है। शासन ने यह भी कहा है कि यदि कोई छात्र कोरोना संक्रमण के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो उस छात्र को उस कोर्स या प्रश्नपत्र की विशेष परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाए। यह विशेष परीक्षा विश्वविद्यालय की सुविधानुसार आयोजित की जा सकती है, जिससे छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। हालांकि यह सुविधा केवल 2020-21 के चालू शैक्षिक सत्र में ही मिलेगी।
खुद तय कर सकेंगे परीक्षा प्रणाली
शासन ने सत्र 2020-21 की सभी परीक्षाओं का परिणाम 21 अगस्त 2021 तक घोषित कर 13 सितंबर 2021 से नया शैक्षिक सत्र (2021-22) शुरू करने को कहा है। साथ ही विश्वविद्यालयों को अपने स्तर से परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण करने की छूट दी गई है। परीक्षा एवं प्रश्नपत्र के स्वरूप पर निर्णय लेने के लिए संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति या कार्य परिषद को अधिकृत कर दिया गया है। शासन ने यह सुझाव भी दिया है कि एक विषय के सभी प्रश्नपत्रों को शामिल करते हुए एक ही प्रश्नपत्र बनाने पर विचार किया जा सकता है। बहुविकल्पीय एवं ओएमआर आधारित अथवा विस्तृत उत्तरीय प्रश्नपत्र विश्वविद्यालयों की अपनी तैयारी के अनुसार बनाए जा सकते हैं।