US vetoes ने गाजा में तत्काल Ceasefire की UN मांग को वीटो किया

US vetoes UN call for immediate ceasefire in Gaza

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) में गुरुवार को गाजा (Gaza) में तत्काल और स्थायी युद्धविराम (ceasefire) और बंधकों की रिहाई की मांग वाला प्रस्ताव अमेरिका ने वीटो (veto) कर दिया। यह प्रस्ताव 14 अन्य सदस्यों का समर्थन मिलने के बावजूद पास नहीं हो सका। अमेरिका का कहना है कि यह प्रस्ताव हमास (Hamas) की निंदा करने और इज़रायल (Israel) के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता देने में नाकाम रहा। यह घटना गाजा में चल रहे लगभग दो साल के युद्ध (Gaza conflict) में अमेरिका और इज़रायल की वैश्विक अलगाव को और उजागर करती है। आइए, इस खबर को आसान भाषा में समझें।

प्रस्ताव में क्या था और क्यों हुआ वीटो?

यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद के 10 निर्वाचित सदस्यों ने तैयार किया था। इसमें गाजा में मानवीय स्थिति को “विनाशकारी” बताया गया और इज़रायल से 21 लाख फिलिस्तीनियों (Palestinians) के लिए सहायता (humanitarian aid) की आपूर्ति पर सभी पाबंदियां हटाने की मांग की गई। प्रस्ताव में 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई और ceasefire की बात थी। लेकिन अमेरिका ने इसे वीटो कर दिया, क्योंकि उसका मानना है कि इसमें हमास की निंदा नहीं थी और यह इज़रायल के आत्मरक्षा के अधिकार को नजरअंदाज करता है।

अमेरिकी नीति सलाहकार मॉर्गन ऑर्टागस ने वोट से पहले कहा, “यह प्रस्ताव हमास को फायदा पहुंचाने वाली गलत कहानियों को बढ़ावा देता है।” उन्होंने इसे “प्रदर्शनकारी कदम” बताया, जो वीटो के लिए ही बनाया गया था। यह तीसरी बार है जब अमेरिका ने गाजा में ceasefire से जुड़े प्रस्ताव को रोका है। नवंबर 2023 से अमेरिका का कहना है कि बंधकों की बिना शर्त रिहाई के बिना ceasefire हमास को और मजबूत करेगा।

गाजा की स्थिति: भुखमरी और युद्ध का कहर

प्रस्ताव में गाजा में “गहराते दुख” पर जोर दिया गया। पिछले महीने एक वैश्विक खाद्य संकट रिपोर्ट में कहा गया कि गाजा सिटी में भुखमरी (famine) शुरू हो चुकी है और बिना ceasefire के यह पूरे क्षेत्र में फैल सकती है। इज़रायल ने हाल ही में गाजा सिटी में नया सैन्य अभियान (military offensive) शुरू किया है, जिससे ceasefire की उम्मीद और कम हो गई है। इज़रायल का कहना है कि वह हमास के सैन्य ढांचे को नष्ट करना चाहता है, लेकिन इस अभियान का कोई समयसीमा नहीं बताई गई। कुछ संकेतों से लगता है कि यह महीनों चल सकता है।

फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने निराशा जताते हुए कहा, “मैं उन फिलिस्तीनियों की नाराजगी समझ सकता हूं जो इस सत्र को देख रहे थे और उम्मीद कर रहे थे कि उनकी तकलीफ खत्म होगी।” अल्जीरिया के राजदूत अमर बेंजामा ने इसे 14 सदस्यों का साहसी कदम बताया, जो अंतरराष्ट्रीय जनमत के साथ खड़े हुए। पाकिस्तान के राजदूत ने इसे सुरक्षा परिषद की 10,000वीं बैठक में “अंधेरा क्षण” कहा।

इज़रायल और अमेरिका की प्रतिक्रिया

इज़रायल के राजदूत डैनी डैनन ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि यह “बंधकों को रिहा नहीं करेगा और क्षेत्र में सुरक्षा नहीं लाएगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि इज़रायल हमास से लड़ता रहेगा और अपने नागरिकों की रक्षा करेगा, भले ही सुरक्षा परिषद “आतंकवाद पर आंखें मूंद ले।” अमेरिका और इज़रायल का यह रुख संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) के वार्षिक सत्र से पहले आया है, जहां गाजा मुख्य मुद्दा होगा। कई अमेरिकी सहयोगी, जैसे यूके और फ्रांस, एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की ओर बढ़ रहे हैं, जिसका इज़रायल और अमेरिका जोरदार विरोध करते हैं।

हाल के अन्य यूएन कदम

इसी हफ्ते, यूएन मानवाधिकार परिषद की एक स्वतंत्र विशेषज्ञ टीम ने निष्कर्ष निकाला कि इज़रायल गाजा में नरसंहार (genocide) कर रहा है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने की मांग की। पिछले हफ्ते, यूएन महासभा ने भारी बहुमत से इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष (Israel-Palestinian conflict) के लिए दो-राज्य समाधान (two-state solution) का समर्थन किया और इज़रायल से फिलिस्तीनी राज्य की प्रतिबद्धता की मांग की। ये कदम दिखाते हैं कि वैश्विक समुदाय गाजा के हालात को लेकर गंभीर है, लेकिन अमेरिका का वीटो इन प्रयासों को रोक रहा है।

अमेरिका में जनमत भी बंटा हुआ है। एसोसिएटेड प्रेस-NORC सेंटर के सर्वे के मुताबिक, लगभग आधे अमेरिकी मानते हैं कि इज़रायल की सैन्य कार्रवाई (military action) बहुत ज्यादा हो गई है। यह संख्या नवंबर 2023 के 40% से बढ़ी है। हालांकि, रिपब्लिकन और कुछ अन्य अमेरिकी अब ceasefire को प्राथमिकता नहीं मानते, जबकि पहले अमेरिका हमास के साथ ceasefire की बातचीत कर रहा था।

क्या होगा आगे?

यह वीटो गाजा में शांति की उम्मीदों को और कमजोर करता है। करीब दो साल से चल रहा यह युद्ध मध्य पूर्व को अस्थिर कर रहा है। इज़रायल का नया अभियान और सहायता पर पाबंदियां गाजा के लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा रही हैं। वैश्विक स्तर पर गाजा का मुद्दा चर्चा में है, और यूएन महासभा में इसे और जोर मिलेगा। लेकिन अमेरिका और इज़रायल का रुख बदलने के आसार कम हैं।

अगर आप गाजा, ceasefire, या संयुक्त राष्ट्र की खबरों पर अपडेट चाहते हैं, तो हमारे ब्लॉग को फॉलो करें। यह मुद्दा जटिल है, लेकिन हम इसे आसान भाषा में समझाने की कोशिश करते हैं। अपनी राय कमेंट में साझा करें और सुरक्षित रहें!