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उफान पर काली नदी
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तराखंड में बारिश के बाद कई जगह भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। पिथौरागढ़ में बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। चीन सीमा के गांवों को जोड़ने वाली सड़क भारी भूस्खलन से एक बार फिर बंद हो गई है। इसके चलते उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिए जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के मंगलवार तक खुलने की संभावना जताई जा रही है।

लिपुलेख-तवाघाट सड़क पर शनिवार की शाम करीब सवा सात बजे किलोमीटर नौ में भारी भूस्खलन हो गया। इसके चलते सड़क पर आवागमन ठप है। बीआरओ के कर्मी सड़क से मलबा हटाने में जुटे हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र की छिरकिला-जम्कू, बांसबगड़-कोटा-पंद्रहपाला, खेला-गर्गुवा, मसूरीकांठा-होकरा, डीडीहाट-आदिचौरा-हनेरा, देवविसौना-खेतारकन्याल-गराली, जौलजीबी-मदकोट-कौलीकन्याल, हाट-लधड़ा, नाचनी-बांसबगड़, देवलथल-कनालीछीना, तवाघाट-ठानीधार और भागीचौरा-शक्तिपुर सड़कें बंद चल रही है।

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इन सड़कों के बंद होने से लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार सुबह थल-मुनस्यारी रोड चुपकोट के पास और घाट-पिथौरागढ़ सड़क चुपकोट के पास सुबह मलबा गिरने से बंद रही। हालांकि कुछ देर बाद दोनों सड़कों पर आवागमन सुचारु हो गया था।

बर्बियाकोट गांव में पहाड़ी से गिरे बोल्डर

क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के बाद ब्लॉक के बर्तियाकोट गांव में शनिवार शाम 7:30 बजे पहाड़ी से तीन बड़े बोल्डर गिर गए। बोल्डर गांव से 50 मीटर पहले ही पहाड़ी में अटक गए। इससे बड़ा नुकसान होने से बच गया। इस गांव में 35 परिवार रहते हैं। प्रधान जाखपंत राजेश्वरी रावत ने बताया कि पहाड़ी से हर साल बोल्डर गिर रहे हैं। पिछले साल भी बरसात के दौरान तीन बोल्डर गांव को छूते हुए निकल गए थे। उन्होंने शासन-प्रशासन से पहाड़ी का उपचार करने की मांग की है। बोल्डर गिरने की सूचना क्षेत्र के राजस्व उपनिरीक्षक को भी दे दी गई है।

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