Uttarakhand News: Crops Flourished In The Lockdown But Now Destroy Due To Migration – उत्तराखंड: लॉकडाउन में फसलें लहलहाईं…अब अर्थव्यवस्था सुधरी तो झाड़ियां उग आईं…पढ़ें ये खास रिपोर्ट
कोरोना में जख्मों पर मरहम लगाने वाले खेत फिर बेगाने हो गए हैं। कोविड 19 महामारी के दौरान हजारों की संख्या में लौटे प्रवासियों अपने बंजर खेतों में फसलें उगाईं थीं, लेकिन अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटते ही रोजी-रोटी की तलाश में वे कस्बों और शहरों का रुख कर चुके हैं। आर्थिक विकास दर के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं।अर्थ एवं संख्या निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 के दौरान जब राज्य कोरोना महामारी के गंभीर संकट में था और पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। तब केवल प्राथमिक क्षेत्र में ही सुधार दिखाई दिया। 2019-20 में प्राथमिक क्षेत्र का सकल मूल्य वर्द्धन 11.74 फीसदी से बढ़कर 13.33 फीसदी हो गया। लेकिन महामारी के थमने के साथ ही 2021-22 में यह 12.36 फीसदी तक कम हो गया। इस गिरावट में सबसे बड़ा योगदान कृषि क्षेत्र का है।
अर्थ एवं संख्या निदेशालय के निदेशक सुशील कुमार कहते हैं, यह गिरावट इस बात का संकेत है कि कोरोनाकाल में बड़ी संख्या प्रवासी अपने गांव लौटे। उन्होंने अपने खेतों में फसलें उगाईं। लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार आया और कारोबार में तेजी दिखी तो वे अपने लौट गए। आंकड़ों के हिसाब देखें तो चालू भाव पर वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र का सकल मूल्य वर्द्धन 18.07 फीसदी था जो वर्ष 2021-22 में घटकर 3.67 रह गया। इन दो वर्षों में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.86 से गिरकर 3.51 तक रह गई है।
रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में बड़ा सुधार आर्थिक विकास दर के अनुमान बता रहे हैं कि राज्य में द्वितीय और तृतीय क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में काफी तेजी दिखी है। सेवा क्षेत्र भी पटरी पर लौट आया है। निर्माण क्षेत्र में नौ फीसदी से अधिक का उछाल है। कोरोनाकाल में पर्यटन, होटल और रेस्टोरेंट कारोबार में -21.30 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई थी, जो सुधरकर 4.69 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
कृषि क्षेत्र में 14 फीसदी से अधिक गिरावट
वर्ष 2020-21 2021-22
जीएसडीपी 18.07 3.67निर्माण कार्यों में सबसे ज्यादा तेजी आई वर्ष 2020-21 2021-22 जीएसडीपी -2.39 21.40
व्यापार, होटल और रेस्टोरेंट में रौनक लौटी वर्ष 2020-21 2021-22 जीएसडीपी -21.30 4.69
अर्थव्यवस्था में किस क्षेत्र का कितना योगदान सेक्टर 2019-20 2020-21 2021-22 प्राथमिक 11.74 13.33 12.36 द्वितीय 46.04 45.90 46.21 तृतीय 42.22 40.77 41.43
विस्तार
कोरोना में जख्मों पर मरहम लगाने वाले खेत फिर बेगाने हो गए हैं। कोविड 19 महामारी के दौरान हजारों की संख्या में लौटे प्रवासियों अपने बंजर खेतों में फसलें उगाईं थीं, लेकिन अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटते ही रोजी-रोटी की तलाश में वे कस्बों और शहरों का रुख कर चुके हैं। आर्थिक विकास दर के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं।
अर्थ एवं संख्या निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2020-21 के दौरान जब राज्य कोरोना महामारी के गंभीर संकट में था और पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। तब केवल प्राथमिक क्षेत्र में ही सुधार दिखाई दिया। 2019-20 में प्राथमिक क्षेत्र का सकल मूल्य वर्द्धन 11.74 फीसदी से बढ़कर 13.33 फीसदी हो गया। लेकिन महामारी के थमने के साथ ही 2021-22 में यह 12.36 फीसदी तक कम हो गया। इस गिरावट में सबसे बड़ा योगदान कृषि क्षेत्र का है।
अर्थ एवं संख्या निदेशालय के निदेशक सुशील कुमार कहते हैं, यह गिरावट इस बात का संकेत है कि कोरोनाकाल में बड़ी संख्या प्रवासी अपने गांव लौटे। उन्होंने अपने खेतों में फसलें उगाईं। लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार आया और कारोबार में तेजी दिखी तो वे अपने लौट गए। आंकड़ों के हिसाब देखें तो चालू भाव पर वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र का सकल मूल्य वर्द्धन 18.07 फीसदी था जो वर्ष 2021-22 में घटकर 3.67 रह गया। इन दो वर्षों में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.86 से गिरकर 3.51 तक रह गई है।
रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में बड़ा सुधार
आर्थिक विकास दर के अनुमान बता रहे हैं कि राज्य में द्वितीय और तृतीय क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है। रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में काफी तेजी दिखी है। सेवा क्षेत्र भी पटरी पर लौट आया है। निर्माण क्षेत्र में नौ फीसदी से अधिक का उछाल है। कोरोनाकाल में पर्यटन, होटल और रेस्टोरेंट कारोबार में -21.30 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई थी, जो सुधरकर 4.69 प्रतिशत तक पहुंच गई है।