उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद अब प्रदेशभर में ठंड बढ़ने लगी है। सुबह और शाम लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं, बदरीनाथ धाम में भी इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
Gangotri National Park: बंद हुए गेट, इस वर्ष पहुंचे 29020 पर्यटक, 694 विदेशी सैलानियों ने भी की पार्क की सैररात के समय यहां तापमान शून्य से नीचे पहुंच रहा है। वहीं, ठंडके चलते धाम के पास बहने वाली ऋषि गंगा पूरी तरह जम चुकी है। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं।
धाम में इन दिनों पुलिस के जवान, बीकेटीसी के कर्मचारी और मास्टर प्लान के कार्य के लिए मजदूर काम कर रहे हैं। धाम में शाम को ठंड बहुत अधिक बढ़ रही है। रात तक यहां का तापमान शून्य से नीचे पहुंच रहा है।
हालांकि दोपहर में धूप खिलने पर कुछ राहत मिल रही है, लेकिन सुबह और शाम को ठंड से यहां रहने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के चलते यहां बहने वाले नदी और झरने भी जम रहे हैं।
पेयजल लाइन के नलों पर भी पानी जम रहा है। बदरीनाथ धाम के पास बहने वाली ऋषि गंगा का पानी पहाड़ी पर ही जम गया है। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी मौसम में ठंडक आ गई है।
उधर, जोशीमठ तहसील प्रशासन ने अभी तक 12 साधु-संतों को शीतकाल में बदरीनाथ धाम में निवास करने की अनुमति दी है। इस दौरान साधु-संत धाम में तपस्या करते हैं।
बता दें कि शीतकाल में (दिसंबर से मई माह तक) बदरीनाथ धाम बर्फ के आगोश में रहता है। दिसंबर से फरवरी तक धाम से हनुमान चट्टी (10 किमी) तक बर्फ जम जाती है।